‘नीलांबर’ द्वारा कविता जंक्शन का आयोजन

कोलकाता : साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था ‘नीलांबर’ कोलकाता ने रविवार को मंथन, सियालदह ऑफिसर्स क्लब में मई दिवस के अवसर पर कविता जंक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस वर्ष की साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों के क्रम में संस्था का यह पहला आयोजन था। संस्था के अध्यक्ष यतीश कुमार ने इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य रखते हुए कहा कि कविता जंक्शन सीखने सिखाने एवं संवाद का एक सार्थक मंच है। कार्यक्रम की शुरुआत में संस्था के सचिव ऋतेश कुमार ने सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता ‘क्या गज़ब का देश है’ की प्रस्तुति दी। इसमें विशाल पांडेय, दीपक ठाकुर, प्रिया शर्मा और प्रीति पांडेय ने उनका साथ दिया।

प्रिया पांडेय ने धूमिल की कविता ‘घर में वापसी’ की और चयनिका दत्ता गुप्ता ने सुघोष मिश्र की कविता ‘अनुशासन’ की आवृत्ति की। इस कविता जंक्शन में शैलेश गुप्ता, संजय रॉय, आशा पांडेय, ऋतु तिवारी, पूनम सोनछात्रा, रचना सरन, हंस राज, सीमा शर्मा, सुधा तिवारी, प्रीति पांडेय, मौसमी प्रसाद, आशीष कुमार साव, रश्मि सेन शर्मा ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कविता पर केंद्रित यह कार्यक्रम एक कार्यशाला की तरह था जिसमें वरिष्ठ कवियों के सान्निध्य में युवा कवियों की कविताओं पर आधारित संवाद एवं चर्चा भी हुई।

इस अवसर पर अतिथि कवि के रूप में प्रलेक प्रकाशन के प्रबंध निदेशक जीतेंद्र पात्रो ने अपनी कविताओं का पाठ किया। उन्होंने कहा कि कविताओं में भाषा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। कविता में आम आदमी के जीवन संघर्ष और संवेदनाओं की अभिव्यक्ति जरूरी है। मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में मौजूद थे सुपरिचित कवि एवं आलोचक प्रियंकर पालीवाल और सुपरिचित कवि तुषार धवल। “मैं कविता क्यों और कैसे लिखता हूँ” विषय पर वक्तव्य रखते हुए प्रियंकर पालीवाल ने कहा कि कविता लेखन एक यात्रा है। रचना प्रक्रिया से गुजरे बिना अच्छी कविता नहीं लिखी जा सकती। तुषार धवल ने भी इस विषय पर अपनी बात रखी और कहा कि कला और साहित्य में कुछ भी अन्तिम सत्य नहीं होता!

हमें अपने स्वभाव तथा अनुभव से प्रेरित होकर ही कविता लिखनी चाहिए, कविता लेखन के लिए आत्मशोध बहुत आवश्यक है। दोनों कवियों ने अपनी कविताओं का पाठ भी किया। कार्यक्रम का संचालन विमलेश त्रिपाठी ने किया और संस्था के उप सचिव आनंद गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उक्त कार्यक्रम में बिड़ला अकादमी से जुड़े प्रसिद्ध चित्रकार सत्यदेव शर्मा की पेंटिंग की लघु प्रदर्शनी भी लगाई गई। पूरे कार्यक्रम का संयोजन विमलेश त्रिपाठी, रचना सरन, सुधा तिवारी और चयनिका दत्ता गुप्ता ने किया। इस अवसर पर कोलकाता के अनेक साहित्यप्रेमी उपस्थित थे।

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