केएमसी बोर्ड गठन 23 के बाद, दोबारा मेयर बन सकते हैं फिरहाद

कोलकाता : इसी साल अप्रैल-मई महीने में संपन्न हुए बहुचर्चित विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस कोलकाता नगर निगम (केएमसी) का चुनाव भी भारी बहुमत से जीत चुकी है। कोलकाता के 144 में से 90 फीसदी से अधिक वार्डों में तृणमूल कांग्रेस की जीत स्पष्ट हो गई है। इसके बाद मीडिया से मुखातिब हुई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस जीत के लिए लोगों का शुक्रिया अदा किया है और घोषणा की है कि आगामी 23 दिसंबर के बाद कोलकाता नगर निगम में बोर्ड गठन पर निर्णय लिया जाएगा। तृणमूल सुप्रीमो बनर्जी ने कहा कि 23 दिसंबर को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक होगी, जिसमें बोर्ड गठन पर विचार होगा।

मेयर कौन होगा, इस बारे में मुख्यमंत्री ने कोई संकेत नहीं दिए। बहरहाल तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने बताया है कि एक बार फिर पार्टी मेयर पद के लिए फिरहाद हकीम पर ही भरोसा जता सकती है। मुख्यमंत्री बनर्जी के बेहद करीबी अल्पसंख्यक नेता फिरहाद राज्य कैबिनेट में परिवहन मंत्री हैं। 2018 में तत्कालीन मेयर शोभन चटर्जी के इस्तीफे के बाद ममता बनर्जी ने तत्कालीन शहरी विकास मंत्री रहे फिरहाद को मेयर बना दिया था। उन्हें इस पद पर बनाए रखने के लिए नगर निगम कानून में बदलाव किया था और और नियम बनाया था कि कोई भी व्यक्ति कोलकाता का मेयर बन सकता है। बशर्ते उसे छह महीने के भीतर किसी न किसी वार्ड से पार्षद के तौर पर जीत दर्ज करनी होगी। उसके पहले तक यह नियम था कि केवल पार्षद ही मेयर बनाए जाते थे।

इस बार भी तृणमूल कांग्रेस ने 82 नंबर वार्ड से फिरहाद हकीम को टिकट दिया था और वह जीत चुके हैं। इतना ही नहीं, पोर्ट विधानसभा इलाके जहां से वह विधायक हैं, वहां के सभी सात वार्डों में तृणमूल कांग्रेस जीती है, जिनके लिए खुद हकीम ने ही प्रचार किया था। उन्होंने अपनी जीत और अन्य पार्षदों की जीत पर कहा है कि यह जीत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जीत है। लोगों ने ममता बनर्जी के कार्यों पर भरोसा जताया है। यह लोगों के विश्वास की जीत है। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि वैसे तो अभी मेयर का चेहरा तय नहीं हुआ है लेकिन पार्टी का शीर्ष नेतृत्व फिरहाद हकीम के नाम पर पूरी तरह से सहमत है। मुख्यमंत्री भी उन पर भरोसा जताती रही हैं इसलिए उन्हीं का मेयर बनना तय है।

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