लोकसभा चुनाव : जंगीपुर में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की सीट पर भाजपा-तृणमूल में सीधी टक्कर के आसार

कोलकाता : लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी सियासी लड़ाई दिलचस्प हो चली है। मुर्शिदाबाद जिले की जंगीपुर लोकसभा सीट इस मामले में बेहद खास है। खासतौर पर अल्पसंख्यक बाहुल्य इस इलाके में इस बार सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार के बीच सीधी टक्कर की संभावना है। वामदलों ने अभी तक यहां से उम्मीदवार नहीं उतारा है और बहुत हद तक संभव है कि कांग्रेस की ओर से कैंडिडेट का ऐलान होने के बाद उसी का समर्थन माकपा भी करे। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस बार भी मौजूदा सांसद खलिलुर रहमान को ही उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने यहां के बहुसंख्यक वोट बैंक के ध्रुवीकरण को ध्यान में रखते हुए धनंजय घोष को टिकट दिया है। यहां तीसरे चरण में सात मई को वोटिंग होनी है।

क्या है जंगीपुर का इतिहास

पश्चिम बंगाल की जंगीपुर लोकसभा सीट एक वीआईपी सीट है। यह लोकसभा सीट चौथे आम चुनाव 1967 में अस्तित्व में आई थी। 1967 और 1971 के आम चुनावों में कांग्रेस के लुत्फ़ल हक जीतने में कामयाब रहे। 1977 के लोकसभा चुनाव में माकपा के शशांक शेखर सान्याल जीते। 1980, 1984, 1989 और 1991 के आम चुनावों में माकपा के ज़ैनल अबेदिन लगातार जीत हासिल करते रहे। 1996 के चुनाव में फिर कांग्रेस ने वापसी की और मोहम्मद इदरिस अली सांसद चुने गए। 1998 और 1999 के चुनावों में माकपा के अबुल हसनत खान चुनाव जीते। 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी को चुनाव मैदान में उतारा था। प्रणब मुखर्जी दोनों बार चुनाव जीते। 2012 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया। उनके राष्ट्रपति बनने पर यह सीट खाली हुई, जिस पर 10 अक्टूबर 2012 को मतदान कराया गया था। इसके बाद हुए उपचुनाव में प्रणब मुखर्जी बेटे अभिजीत मुखर्जी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते।

क्या है भौगोलिक स्थिति

जंगीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं- फरक्का, औरंगाबाद, सुति, सागरदिघी (एससी), जंगीपुर (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या 54), नबोग्राम, खारग्राम (एस सी)।

क्या है 2019 का जनादेश?

2019 में इस सीट से कांग्रेस ने अभिजीत मुखर्जी को टिकट दिया था। तृणमूल कांग्रेस ने इस सीट से खलिलुर रहमान को टिकट दिया था। भाजपा ने भी इस सीट से मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट दिया, पार्टी ने माफूजा खातून को उम्मीदवार बनाया था। सीपीएम ने इस सीट से मोहम्मद जुल्फिकार अली को टिकट दिया, जबकि शमीमुल इस्लाम बसपा के टिकट पर मैदान में उतरे थे।

2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के खलिलुर रहमान ने जीत हासिल की थी। उन्हें पांच लाख 62 हजार 838 वोट मिले। वहीं भाजपा उम्मीदवार माफूजा खातून तीन लाख 17 हजार 056 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहीं और कांग्रेस के अभिजीत मुखर्जी दो लाख 55 हजार 836 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

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