मेघालय में ममता का आश्वासन- तृणमूल सरकार बनने पर लागू होगी लक्ष्मी भंडार योजना

कोलकाता : राष्ट्रीय स्तर पर पांव पसारने के लिए प्रयासरत तृणमूल कांग्रेस बंगाल से बाहर पार्टी को मजबूत करने की कवायद के तहत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मेघालय दौरे पर हैं। यहां बड़ी घोषणा करते हुए ममता बनर्जी ने मेघालय में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने पर स्थानीय महिलाओं के लिए लक्ष्मी भंडार योजना लागू कर एक हजार रुपये महीना देने और श्रमिकों के लिए अलग से कोष स्थापित करने का ऐलान किया है।

दरअसल, अगले साल मेघालय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि मेघालय में तृणमूल सरकार गठन के लिए जनता को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि एनडीए खेमे की मेघालय डेमोक्रेटिक एलाइंस (एमडीए) की सरकार राज्य के विकास के लिए कुछ भी नहीं कर रही। शिलांग की स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी के सभागार में पार्टी की बड़ी सांगठनिक बैठक के बाद ममता ने यहां संबोधन किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी तीखा प्रहार किया।

उन्होंने कहा कि जैसे पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी भंडार योजना के तहत आदिवासी जाति और जनजाति की महिलाओं को हजार रुपये महीने और सामान्य महिलाओं को 500 रुपये मिलते हैं, उसी तरह मेघालय में सरकार बनने पर यहां की महिलाओं को भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के विकास के लिए अलग से कोष स्थापित किया जाएगा।

तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले की गुजरात पुलिस के हाथों गिरफ्तारी को लोकतंत्र के खिलाफ करार देते हुए उन्होंने कहा कि नेता बनने के लिए धैर्य की जरूरत पड़ती है। आपके खिलाफ अगर कोई बोलेगा तो उसे जेल में ठूँस देंगे, यह बाहुबल से लोकतंत्र को दबाने का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि केंद्र अरुणाचल प्रदेश के विकास के लिए कुछ नहीं करता। ममता ने मेघालय में भी बाहरी नेतृत्व का मुद्दा उठाया और कहा कि भाजपा यहां असम या दिल्ली से लोग लाकर शासन करना चाहती है, लेकिन मेघालय को मेघालय के लोग ही चलाएंगे।

 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 के मार्च में मेघालय विधानसभा का चुनाव होना है इसलिए सबको एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर यहां तृणमूल की सरकार बनेगी तो वह खुद अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी के साथ मिलकर सरकार को अपना परामर्श देते रहेंगे। बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग तृणमूल कांग्रेस को केवल बंगालियों की पार्टी बताकर राजनीतिक तौर पर लाभ लेना चाहते हैं, लेकिन अगर ऐसा होता तो बंकिम चंद्र चटर्जी के लिखे राष्ट्रगान को पूरे देश में क्यों गाया जाता है।

तवांग मामले पर केंद्र का किया समर्थन

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सेना की झड़प को लेकर उन्होंने अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट किया। ममता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामले पर मेरी पार्टी हमेशा केंद्र सरकार के साथ खड़ी रहती है और इस मुद्दे पर भी हम साथ हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

+ 47 = 56