कोलकाता : लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर महाविपक्षी एकता की कवायद में जुटे गैर भाजपा दलों की हरियाणा की प्रस्तावित बैठक में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी लेकिन वह अपना प्रतिनिधि भेजेंगी।
बैठक में तृणमूल कांग्रेस को न्योता दिया गया था। पहले चर्चा थी कि ममता बनर्जी इसमें शिरकत करेंगी, क्योंकि उन्होंने खुद ही इसका समर्थन किया था। हालांकि अब ममता बैठक में खुद न जाकर जोड़ासांकों से तृणमूल के विधायक विवेक गुप्त को बतौर पार्टी प्रतिनिधि भेज रही हैं। इसे विपक्षी एकता को शुरुआत में ही बड़ा झटका माना जा रहा है।
बैठक में नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, शरद पवार, सीताराम येचुरी और फारूक अब्दुल्ला शामिल होंगे। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष की एकजुटता के लिए यह बैठक बेहद खास है।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में होने वाली इस बैठक में सबसे पहले सुखेंदु शेखर राय जाने वाले थे लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी को बताया कि वह किसी निजी काम की वजह से नहीं जा सकते इसलिए पार्टी ने विवेक गुप्त को भेजने का फैसला किया है। राजनीतिक विश्लेषकों के एक वर्ग के मुताबिक यह फैसला शायद इसलिए लिया गया है, क्योंकि विवेक गुप्त एक हिंदी भाषी नेता हैं।