‘मन की बात’- संग्रहालयों की करें सैर और फोटो सोशल मीडिया पर करें शेयर- प्रधानमंत्री

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों से आग्रह किया कि वह देशभर में मौजूद संग्रहालयों का भ्रमण करें और इनके माध्यम से अपनी विरासत से जुड़ें। वे अपनी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा करें ताकि अन्य लोगों को भी इनके बारे में पता चले।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम में ‘मन की बात’ के 101वें एपिसोड में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना से प्रेरित ‘युवा संगम’, देश के संग्रहालय, जल संरक्षण से जुड़े स्टार्टअप पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में उन्होंने हिरोशिमा (जापान) स्थित संग्रहालय का दौरा किया। उससे उन्हें बहुत प्रेरणा मिली और जानकारी बढ़ी। हमारे देश में अलग-अलग विषयों पर आधारित बड़ी संख्या में संग्रहालय हैं। इनकी एक पहली बार एक सूची तैयार की गई है। देशवासियों से आग्रह करते हैं कि इन संग्रहालयों को देखने जाएं। इसके बाद हैशटेग ‘म्यूजियम मेमोरी’ के जरिए इन्हें सोशल मीडिया पर साझा करें। इससे हम अपनी विरासत से जुड़ाव को मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बीते बर्षों में नए म्यूजियम और मेमोरियल भी बनाए जा रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने 2010 में स्थापित एक ऑनलाइन म्यूजियम ‘इंडियन मेमोरी प्रोजेक्ट’ का उल्लेख किया है। इसमें दुनियाभर से भेजी गई तस्वीरें और कहानियों के माध्यम से भारत की गौरवशाली इतिहास की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसमें विभाजन की विभीषिका से जुड़ी स्मृतियों को भी सामने लाने का प्रयास किया गया है।

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री ने इस बार शिक्षा मंत्रालय की ओर से की गई एक पहल ‘युवा संगम’, उसके उद्देश्य और उसके माध्यम से देशवासियों को आपस में जोड़ने के प्रयास का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि ‘युवा संगम’ के प्रथम चरण के तहत 1200 युवाओं को देश के 22 राज्यों का दौरा कराया गया है। इससे युवा जीवन पर्यंत चलने वाली यादें समेट कर वापस लौटें हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने युवा संगम में भाग लेने वाले अरुणाचल प्रदेश के युवा ग्यामार न्योकुम और बिहार की युवती विशाखा सिंह से बातचीत की।

प्रधानमंत्री ने देशभर में जल संरक्षण की दिशा में हो रहे प्रयासों को भी कार्यक्रम में शामिल किया। इसमें ‘फ्लक्सजेन’ और ‘लीवएनसेंस’ के बारे में बताया। यह पानी के उपयोग के तरीकों और वितरण निगरानी से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री ने ‘जलकुंभी’ से कागज बनाने के काम, छत्तीसगढ़ में बालोद जिले के युवाओं के घर घर जाकर जल संरक्षण के लिए जागरूक करने के अभियान और खूंटी में पानी के संकट से निपटने के लिए ‘बोरी बांध’ का रास्ता निकालने के जन प्रयासों का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के शिवाजी शामराव डोले का विशेष उल्लेख किया। यह सैनिक किसान बनकर अब इस क्षेत्र में अनुसंधान और विज्ञान को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और अनुसंधान का एक अनूठा उदाहरण है।

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को याद किया और कहा कि उनके व्यक्तित्व में दृढ़ता और विशालता थी। उन्होंने 4 जून को संत कबीर की जयंती पर उन्हें याद किया और कहा कि उन्होंने समाज को बांटने वाली कुप्रथाओं का विरोध किया था। साथ ही उन्होंने तेलुगू फिल्म अभिनेता एवं राजनेता एनटी रामाराव की 100वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

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