इतिहास के पन्नों में 25 मार्चः विकीविकीवेब ने की इंटरनेट क्रांति

देश-दुनिया के इतिहास में 25 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख का महत्व सूचना क्रांति से भी है। दरअसल इसी तारीख को 1995 में वार्ड कनिंघम ने विकीविकीवेब लॉन्च की थी। विकीविकीवेब अपनी तरह की पहली साइट थी, जिसे यूजर्स एडिट कर सकते थे। तब विकीविकीवेब पर सिर्फ सॉफ्टवेयर डिजाइन पैटर्न पर चर्चा होती थी। कनिंघम चाहते थे कि दुनिया के सभी प्रोग्रामर्स अपनी जानकारी को शेयर करें। तब इंटरनेट डेवलप हो रहा था। नए-नए सॉफ्टवेयर्स भी सामने आ रहे थे। तब एक ऐसी साइट की जरूरत थी, जो दुनियाभर के डेवलपर्स के लिए ओपन डेटाबेस का काम करे। इसके आधार पर ही विकी सॉफ्टवेयर बना, जो बाद में विकीबेस बना।
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कनिंघम ने अपनी कंपनी (कनिंघम एंड कनिंघम) की वेबसाइट c2.com पर इसे लॉन्च किया था। इस विकीविकीवेब ने इंटरनेट के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम किया। इसके बाद कई विकी लॉन्च हुए। कुछ लोगों ने कनिंघम की साइट की क्लोन साइट बनाई। पर 2001 तक कंप्यूटर प्रोग्रामर्स के सर्कल्स के बाहर इस टेक्नोलॉजी को ज्यादा पहचान नहीं मिल सकी थी। इसके बाद विकीविकीवेब की थीम पर ही 15 जनवरी 2001 को विकीपीडिया लॉन्च हुआ। यह फ्री कंटेंट एनसाइक्लोपीडिया है, जिसे कोई भी एडिट कर सकता है। सिमिलरवेब के मुताबिक आज यह दुनिया की आठवीं सबसे लोकप्रिय वेबसाइट है।

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