इतिहास के पन्नों में 25 मईः डॉ. वेंटर ने 1995 में जीवित जीव के डीएनए को डिकोड किया

देश और दुनिया में कुछ तिथियां इतिहास के पन्नों में अमर हो जाती हैं। कुछ स्वर्णिम इतिहास लिखकर मील का पत्थर बन जाती हैं। ऐसा ही कुछ 1995 में 25 मई को अमेरिका के बॉयोटेक्नोलॉजिस्ट डॉक्टर जे क्रेग वेंटर ने कुछ कर दिखाया। उन्होंने जीवित जीव के डीएनए को डिकोड करने में सफलता पाई। एकल कोशिका वाले जीव के पहले जीनोम को उन्होंने डिकोड किया। इसे हैमोफिलस इन्फ्लुएन्जा के नाम से जाना जाता है। यह वर्ग गामाप्रोटियोबैक्टीरिया होता है। इसका संघ प्रोटियोबैक्टीरिया होता है। इसका उच्च वर्गीकरण हीमोफीलस होता है।

14 अक्टूबर, 1946 को जन्मे वेंटर अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकीविद् और व्यवसायी हैं। उन्हें मानव जीनोम के पहले ड्राफ्ट अनुक्रम का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। वेंटर ने सेलेरा जीनोमिक्स द इंस्टीट्यूट फॉर जीनोमिक रिसर्च और जे. क्रेग वेंटर इंस्टीट्यूट की स्थापना की है। वह इनके सीईओ हैं। टाइम पत्रिका उन्हें दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची शामिल कर चुकी है। 2012 में वेंटर को जीनोम अनुसंधान में उनके योगदान के लिए डैन डेविड पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2013 में वह अमेरिकन फिलॉसॉफिकल सोसाइटी के लिए चुने गए।। वे यूएसए साइंस एंड इंजीनियरिंग फेस्टिवल के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य हैं।

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