मोरबी पुल हादसा : नगरपालिका के चीफ ऑफिसर निलंबित

– जांच समिति ने नगरपालिका अधिकारी से की थी चार घंटे तक पूछताछ

– मरम्मत के बाद बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट व प्रशासन को जानकारी दिए बगैर खुला था ब्रिज

अहमदाबाद : मोरबी पुल हादसे में मोरबी नगरपालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने ब्रिज हादसे के बाद 2 नवंबर को झाला से चार घंटे तक पूछताछ की थी। मोरबी पुल हादसे के बाद राज्य सरकार की पहली किसी प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई की गई है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की रिपोर्ट के बाद गुरुवार की देर रात चीफ ऑफिसर के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी मिली है। राज्य के शहरी विकास विभाग ने कर्तव्य में लापरवाही को लेकर मोरबी नगरपालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला के निलंबन का आदेश जारी किया। मोरबी पुल हादसे के बाद अब तक पल्ला झाड़ रहे मोरबी नगरपालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला से पुलिस ने 2 नवंबर को लंबी पूछताछ की थी। इस दौरान चीफ ऑफिसर के कई गंभीर लापरवाही के मामले सामने आए। आरोप है कि ओरेवा कंपनी को निर्माण स्थल की जांच के बगैर ही नगरपालिका ने ब्रिज मरम्मत का ठेका सौंप दिया था। झाला की ड्यूटी के दौरान ही कंपनी से मरम्मत संबंधी करार किया गया था। करार की मिनिट्स पर झाला के हस्ताक्षर मिले हैं। इसके बावजूद पूछताछ के बाद ओरेवा ग्रुप को दिए गए राइट्स का उल्लेख कर चीफ ऑफिसर झाला अपनी जवाबदारी से मुकर गए थे।

दरअसल, झाला ने ही सबसे पहले मीडिया के समक्ष दावा किया था कि पुल खुलने से पहले नगरपालिका को इस संबंध में जानकारी नहीं दी गई। नगरपालिका के बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट के पुल को खोल दिया गया था। चीफ ऑफिसर के इस बयान के बाद कई तरह के सवाल उठे थे। वहीं मोरबी में ओरेवा कंपनी और धांगध्रा में देवप्रकाश कंपनी में सर्च ऑपरेशन किया गया था। इसमें झूलते पुल की वर्ष 2007 और 2022 के दौरान मरम्मत कार्य से संबंधित सभी दस्तावेज जब्त किए गए हैं। साथ ही कंपनी के मालिक जयसुख पटेल की भी ब्रिज हादसे में प्राथमिक तौर पर संलिप्तता की बातें सामने आई है। पुलिस की गिरफ्तार से बचने के लिए जयसुख पटेल फिलहाल राज्य के बाहर बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक उसका अंतिम लोकेशन हरिद्वार का ट्रेस किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

11 − = 2