नयी दिल्ली : गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए, मरीजों की सुरक्षा मूल पहलू है और नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हैल्थ केयर प्रोवाइडर्स (NABH) ने हाल ही में आयोजित NABH पेशेंट सेफ्टी कॉन्फ्रेंस (एनपीएससी’23) में यह संदेश सफलतापूर्वक दिया गया।
इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे 2023 के अवसर पर किया गया था। 17 सितंबर को आयोजित इस एकदिवसीय कार्यक्रम में प्रतिष्ठित हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स और लगभग 500 हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स एक साथ इकट्ठा हुए जिसमें नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए), आयुष मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय, और क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया, नामी सरकारी एवं निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
कार्यक्रम में उन्होंने अपने मूल्यवान विचार प्रस्तुत किए और मरीजों की सुरक्षा बढ़ाने के संबंध में मिलकर प्रयास करने में योगदान की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाए।
इस विशाल कॉन्फ्रेंस में NABH ने मरीजों की सुरक्षा और डिजिटल हेल्थकेयर के बारे में कई प्रमुख घोषणाएं कीं। इस अवसर पर, NABH ने नए मानक जारी किए। इनमें अस्पतालों के लिए डिजिटल हेल्थ एक्रिडिटेशन मानक, डेंटल क्लीनिक्स के लिए एंट्री लेवल सर्टिफिकेशन मानक, स्ट्रोक केयर सेंटर्स के लिए सर्टिफिकेशन मानक, केयर होम एक्रिडिटेशन मानक का पहला संस्करण शामिल रहा।
इसके अलावा डायलिसिस, डर्मेटोलॉजी और डे-केयर सहित एलोपैथिक क्लीनिक्स एक्रिडिटेशन मानक का दूसरा और डेंटल सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए एक्रिडिटेशन मानकों का तीसरा संस्करण शामिल रहा। इन नए मानकों का उद्देश्य जमीनी स्तर पर मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और हेल्थकेयर की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
कॉन्फ्रेंस में मरीजों की सुरक्षा और डिजिटल हेल्थ में गुणवत्ता पर बेहद जोर दिया गया। साथ ही, हेल्थकेयर की गुणवत्ता, इसकी पहुंच और किफायती दामों में इनकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। इस दौरान, कई महत्वपूर्ण समझौता-पत्रों (MOUs) पर हस्ताक्षर भी किए गए। इन समझौतों में यूनिवर्सिटी में चेयर ऑफ क्वॉलिटी की स्थापना के लिए NABH और गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के बीच समझौता, डिजिटल हेल्थ के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए NABH और कोयटा फाउंडेशन के बीच एमओयू, और हेल्थकेयर क्वॉलिटी प्रमोशनल इनिशिएटिव्स के लिए NABH और NATHEALTH के बीच समझौता हुआ। इसके अलावा, कॉन्फ्रेंस में भागीदारों और सम्मानित अतिथियों के सामने श्री जक्षय शाह, चेयरपर्सन, QCI द्वारा NABH-NATHEALTH पेशेंट सेफ्टी माइक्रोसाइट ‘चूज सेफर हेल्थकेयर’ का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर क्यूसीआई के चेयरपर्सन जक्षय शाह ने मरीजों की सुरक्षा मजबूत करने और जमीनी स्तर पर हेल्थकेयर की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारा विश्वास है कि गुणवत्ता में परिवर्तन हमारी हेल्थकेयर प्रणाली की जड़ से शुरू होता है और यह केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि भारत के ग्रामीण और टिअर-2 व टिअर-3 शहरों तक भी फैला है। क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया का कांस्टिट्यूएंट बोर्ड, NABH इस दृष्टिकोण का पूरी तरह पालन करता है। डेंटल क्लीनिक्स के लिए एंट्री लेवल सर्टिफिकेशन मानक और एंट्री लेवल अस्पतालों के लिए मौजूदा सर्टिफिकेशन कार्यक्रमों के लिए नए NABH मानक जारी किया जाना उन तक गुणवत्तापूर्ण देखभाल पहुंचाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताते हुए क्यूसीआई के महासचिव डॉ. आर. पी. सिंह ने कहा, “गुणवत्ता और मरीजों के कल्याण के अत्यधिक महत्व को पहचानना देश के हित में है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि हेल्थकेयर में गुणवत्ता की मजबूत व्यवस्था न केवल हमारी हेल्थकेयर इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए जरूरी है, बल्कि इसे हेल्थकेयर के अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, वैश्विक नक्शे पर मजबूती से चमकाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। सामूहिक प्रयासों, पारदर्शिता और जिम्मेदारी से हम ऐसे हेल्थकेयर की स्थापना का सपना देख सकते हैं, जो मरीजों की उम्मीदों को पूरा ही नहीं करे, बल्कि उससे ज्यादा उपयोगी साबित हो और गुणवत्ता और सुरक्षा में नए मानक स्थापित करे।”
NABH के चेयरपर्सन प्रोफेसर (डॉ.) महेश वर्मा ने कहा, “हम NABH पेशेंट सेफ्टी कॉन्फ्रेंस 2023 में वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। हेल्थकेयर की गुणवत्ता को बेहतर करने की अपनी यात्रा में यह कदम उठाने का सौभाग्य हमें मिल रहा है।
दूसरी ओर गुरू गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी में चेयर ऑफ क्वॉलिटी की स्थापना से कल के लीडर्स तैयार करने की हमारी प्रतिबद्धता सामने आएगी। इसके लिए हम श्रेष्ठता की ऐसी संस्कृति विकसित करेंगे, जो पूरी हेल्थकेयर प्रणाली में फैल जाएगी। कोएटा फाउंडेशन और NATHEALTH के साथ मिलकर डिजिटल हेल्थ प्रयासों को बढ़ावा देने का हमारा फोकस मरीजों की सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में अहम कदम है। तकनीकी ताकत का फायदा उठाते हुए हमारा, लक्ष्य हेल्थकेयर सेवाओं की क्षमता, पहुंच और सटीकता को बढ़ाना है। यह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अनुरूप भी है।”
एनपीएससी 2023 के दौरान NABH के सीईओ डॉ. अतुल मोहन कोछर ने तकनीक और मरीजों की सुरक्षा के बीच संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “इस डिजिटल दुनिया में, हेल्थकेयर और तकनीक का मेल केवल एक विकल्प ही नहीं है, बल्कि जरूरी हो चुका है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन एक मशाल है, जो मरीजों की सुरक्षा में सुधार के लिए डिजिटल हेल्थ समाधानों के प्रयोग की दिशा में हमारे मार्ग को रोशन कर रही है। NABH को इस अभियान की जरूरत और क्षमता का आभास है। हमने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन फ्रेमवर्क के अनुरूप, देशभर में डिजिटल हेल्थ के मानक और तरीके अपनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का प्रण लिया है।”
“ड्रीमिंग डिफरेंटली अबाउट पेशेंट सेफ्टी” नाम से आयोजित सत्र में क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की गवर्निंग बॉडी के सदस्य हिमांशु पटेल ने भारत में हेल्थकेयर के भविष्य की बातें कीं। उनका कहना था कि भविष्य में मरीजों की सुरक्षा की संस्कृति विकसित होगी। उन्होंने कहा, “हम अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स को आधुनिक साधन, जानकारी और सर्वश्रेष्ठ तरीके उपलब्ध कराने के लिए मंच तैयार कर रहे हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक मरीज को सबसे सुरक्षित और सबसे बेहतर गुणवत्ता वाली देखभाल मिले। सहयोग, प्रयोग और रणनीतिक भागीदारियां बदलाव की इस यात्रा के मील के पत्थर साबित होंगे।”