नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ रविवार को पांच राज्यों में सिलसिलेवार छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार के कुल 14 स्थानों पर छापे मारे गए। इस दौरान कई आपत्तिजनक डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ दस्तावेज भी जब्त किए गए।
एनआईए ने कहा कि वह भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पीएफआई और उसके शीर्ष नेतृत्व के प्रयासों को उजागर करने तथा विफल करने के लिए काम कर रही है। इसी के तहत देश के कन्नूर, मलप्पुरम, दक्षिण कन्नड़, नासिक, कोल्हापुर, मुर्शिदाबाद और कटिहार समेत कुल 14 स्थानों पर छापे मारे गए।
एनआईए को संदेह है कि मध्य स्तर के कई पीएफआई एजेंट मास्टर ट्रेनर के रूप में काम कर रहे हैं, जो अपने अत्यधिक कट्टरपंथी पीएफआई कैडरों को हथियारों, लोहे की छड़ों, तलवारों और चाकूओं के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे हैं। खुफिया और खोजी विश्लेषण के आधार पर एनआईए इन कैडरों और गुर्गों की पहचान करने और गिरफ्तार करने के लिए पिछले कई महीनों से विभिन्न राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
पीएफआई के खिलाफ मामला एनआईए, दिल्ली द्वारा अप्रैल 2022 में दर्ज किया गया था। सितंबर 2022 के दौरान देशव्यापी अभियानों के बाद एक दर्जन से अधिक सदस्यों सहित कई शीर्ष पीएफआई नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी। इनके खिलाफ गहन जांच के बाद मार्च 2023 में 19 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था।