इतिहास के पन्नों में 27 नवंबरः सिडनी स्टेडियम में ‘मौत’ की शॉर्ट पिच गेंद

देश-दुनिया के इतिहास में 27 नवंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह क्रिकेट के दुनिया के लिए बेहद मनहूस तारीख है। इसे क्रिकेट इतिहास का ‘काला अध्याय’ कहा जाता है।

दरअसल सिडनी स्टेडियम की सात नंबर पिच पर 25 नवंबर, 2014 को साउथ ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच मैच चल रहा था। क्रीज पर थे 25 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज और बॉलिंग कर रहे थे सीन एबॉट। एक तेज लेकिन शॉर्ट पिच गेंद सरसराती हुई आई और फिलिप के हेलमेट के पीछे सिर में जा लगी। वो वहीं गिर पड़े। दो दिन कोमा में रहने के बाद 27 नवंबर, 2014 को सेंट विंसेंट अस्पताल में उनकी मौत हो गई। वह ‘इंड्यूस्ड कोमा’ में चले गए थे।

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इस घटना ने पूरे क्रिकेट जगत को स्तब्ध कर दिया। खुद बॉलर सीन एबॉट इस घटना के बाद गहरे सदमे में रहे। ह्यूज की मौत के बाद सदमे में आए एबॉट भी अस्पताल में रहे। लगातार उनकी आंखों से आंसू आते रहे। इस घटना के बाद क्रिकेट जगत में बदलाव आया। बॉलर अपनी गेंदों से बल्लेबाजों को सीधा निशाना बनाने से बचने लगे। बैटिंग हेलमेट को पहले से और मजबूत बनाया गया। हेलमेट के बैक रिम के नीचे एक गार्ड जोड़ा गया।

फिलिप की मौत के बाद सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की सात नंबर पिच को रिटायर कर दिया गया। फिलिप का 30 नवंबर को जन्मदिन था। उनका करियर बेहद छोटा, लेकिन शानदार रहै। 26 फरवरी, 2009 को अपने पहले टेस्ट मैच से डेब्यू करने वाले फिलिप ने 26 टेस्ट, 25 वनडे और एक टी-20 मैच खेला। टेस्ट में उनके नाम ती शतक और 1535 रन हैं। वनडे में चार शतक और 826 रन हैं।

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