चुनाव जीतने पर देश की पहली आदिवासी महिला बनेगी राष्ट्रपति

नयी दिल्ली : झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को भाजपा ने राष्ट्रपति के लिए उम्मीदवार बनाया है। यदि वे चुनाव जीत जाती हैं तो देश में पहली बार किसी आदिवासी समुदाय की महिला राष्ट्रपति बनेंगी। इससे पहले द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राज्यपाल बनी थीं।

झारखंड में पूरा किया था राज्यपाल का कार्यकाल

द्रौपदी मुर्मू वर्ष 2000 में गठन के बाद से पांच साल का कार्यकाल (2015-2021) पूरा करने वाली झारखंड की पहली राज्यपाल हैं। उनका 6 साल 1 माह 18 दिनों का कार्यकाल रहा। इस दौरान द्रौपदी मुर्मू विवादों से दूर रही। कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने कार्यकाल में झारखंड के विश्वविद्यालयों के लिए चांसलर पोर्टल शुरू कराया। इसके जरिये सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेजों के लिए साथ छात्रों का ऑनलाइन नामांकन शुरू कराया। भाजपा की रघवुर दास सरकार ने द्रौपदी मुर्मू ने सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक सहित कई विधेयकों को सरकार को वापस लौटाने का बड़ा कदम उठाया। हेमंत सोरेन की सरकार में भी द्रौपदी मुर्मू ने कई आपत्तियों के साथ जनजातीय परामर्शदातृ समिति के गठन से संबंधित फाइल लौटाई थी।

द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल गठबंधन सरकार के दौरान 6 मार्च, 2000 से 6 अगस्त, 2002 तक वाणिज्य और परिवहन की और 6 अगस्त, 2002 से 16 मई, 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री थीं। वह ओडिशा की पूर्व मंत्री और रायरंगपुर से विधायक थीं।

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