जेल जाकर लेखक बने पार्थ चटर्जी, भगवान को भी कर रहे हैं याद

कोलकाता : शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी जेल जाते ही लेखक हो गए। साथ ही भगवान के प्रति उनकी भक्ति भी जग गई है। फिलहाल वह प्रेसीडेंसी सेंट्रल जेल में बंद हैं और वहां आध्यात्मिक किताबें भी पढ़ रहे हैं। इसके अलावा जेल के अपने अनुभव को वह कलमबद्ध भी कर रहे हैं। जेल प्रबंधन के सूत्रों ने बताया है कि वह आध्यात्मिक किताबें पढ़ने के साथ-साथ जेल में हो रहे एहसासों को डायरी में भी नोट कर रहे हैं।

प्रेसीडेंसी केंद्रीय सुधार गृह के अधिकारियों ने श्री रामकृष्ण कथामृत की एक प्रति- रामकृष्ण परमहंस की बातचीत और गतिविधियों का एक संग्रह- प्रदान करने के उनके अनुरोध को मंजूरी दे दी है। चटर्जी के अधिवक्ताओं में से एक सुकन्या भट्टाचार्य ने उन्हें एक प्रति सौंपी, जिसे दुनिया भर में रामकृष्ण परमहंस के लाखों अनुयायियों ने मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए अंतिम आध्यात्मिक अमृत माना है।

इसके अलावा कुछ कागजात और एक जोड़ी पेन भी उन्हें सौंपे। राज्य सुधार विभाग के सूत्रों ने कहा कि पूर्व मंत्री जेल के दिनों में अपने रोज के अनुभवों को प्रतिष्ठित रूप से लिख रहे हैं। शुक्रवार की रात चटर्जी ने जेल के नाई से शेविंग कराई है, जिन्होंने पूर्व मंत्री की दाढ़ी की छंटनी करते हुए अच्छी तरह से रखी गई फ्रेंच-कट दाढ़ी को बरकरार रखा। जिस दिन से उनकी जेल की सजा शुरू हुई है, चटर्जी ने अपनी बातचीत को न्यूनतम लोगों तक सीमित कर दिया है।

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