जेल में पार्थ चटर्जी ने की अजीब-सी मांग, कहा – मैं नहाऊं तो पानी गिराने वाला एक आदमी चाहिए

कोलकाता : शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में प्रेसीडेंसी सेंट्रल जेल में बंद राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने अब जेल प्रबंधन से अजीब-सी मांग की है। उन्होंने कहा है कि जब वह नहाते हैं तो उन्हें पानी गिराने के लिए एक आदमी अलग से चाहिए।

शुरुआत में जेल जाते समय उन्होंने मीडिया के कैमरों के साथ ताल ठोक कर कहा था कि जेल में वह कोई भी विशेष सुविधा नहीं लेंगे। बावजूद इसके जेल प्रबंधन के पास उन्होंने लिखित में एक मांग की है जिसमें कहा है कि नहाते समय मुझे ड्रम या बाल्टी से उठाकर पानी डालने वाले एक व्यक्ति की जरूरत है। हालांकि जेल प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि उन्हें ऐसी कोई सुविधा नहीं मिलेगी। वह ना तो बीमार हैं और ना ही शारीरिक तौर पर असमर्थ हैं। उन्हें नहाने आदि का काम खुद ही करना होगा।

इसके अलावा उन्होंने खाने में मछली के चार और मांस के छह टुकड़े देने की मांग की है। इसके जवाब में भी जेल प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि जेल के नियमों के मुताबिक सप्ताह में सिर्फ तीन दिन मांसाहार मिलेंगे। वह भी मछली के दो और मांस के सिर्फ चार टुकड़े देने की अनुमति है।

जेल की सुरक्षा में तैनात एक कर्मी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि पार्थ चटर्जी अजीबो-गरीब मांग करते हैं जैसे उन्हें दूसरे कैदियों की तुलना में ज्यादा अहमियत दी जाए। उनके आसपास सुरक्षाकर्मी खड़े ना हों। उन्होंने कहा कि पार्थ चटर्जी कई बार जेल में फोन पर किसी से बात भी करते हैं और कहते हैं कि जब फोन पर बात हो तो कोई उनके आसपास खड़ा ना हो। प्रेसिडेंसी जेल के नियमों के मुताबिक करीब तीन लोगों से फोन पर कुल 10 मिनट तक ही बातचीत कर सकते हैं।

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