ममता बनर्जी सरकार की पूजा समितियों को वित्तीय मदद की घोषणा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका

Calcutta High Court

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की 43 हजार दुर्गा पूजा समितियों को राज्य सरकार की ओर से 60-60 हजार रुपये की वित्तीय मदद देने संबंधी ममता बनर्जी सरकार की घोषणा के खिलाफ अब कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज के खंडपीठ ने इस याचिका को स्वीकार किया है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई हो सकती है। याचिकाकर्ता ने जल्द से जल्द मामले की सुनवाई की अर्जी लगाई है जिसकी अनुमति कोर्ट ने दे दी है।

दरअसल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि राज्य की 43 हजार पंजीकृत पूजा समितियों को इस वर्ष 60-60 हजार रुपये की वित्तीय मदद दी जाएगी। कुल 258 करोड़ रुपये की मदद राज्य सरकार की ओर से पूजा समितियों को की जानी है, जिसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्यमंत्री लगातार केंद्र की ओर से मनरेगा का फंड नहीं मिलने की वजह से मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलने का जिक्र करती रही हैं।

इसके अलावा हाईकोर्ट की ओर से कई बार ठोस आदेश के बावजूद राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और सातवें वेतन आयोग के मुताबिक वेतन देने में लगातार आनाकानी और कानूनी रास्ते अख्तियार किया है। विभिन्न मंचों से मुख्यमंत्री राज्य के वित्तीय कोष में फंड की कमी का दावा लगातार करती हैं। बावजूद इसके दुर्गा पूजा समितियों को इतनी बड़ी राशि मदद के तौर पर देने की घोषणा राजनीतिक हित साधने की कोशिश मानी जा रही है।

भाजपा नेता दिलीप घोष ने दावा किया था कि मुस्लिम तुष्टिकरण की वजह से नाराज हिंदू समुदाय को बरगलाने के लिए ममता ने यह फैसला लिया है। इसके पहले हर साल राज्य सरकार पूजा समितियों को 50-50 हजार रुपये की वित्तीय मदद देती थी। इसके पहले भी हाईकोर्ट में इससे संबंधित याचिका लगाई गई थी लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में बताया गया था कि मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी “सेफ ड्राइव, सेव लाइफ” परियोजना को बढ़ावा देने और उसके प्रचार-प्रसार के लिए पूजा समितियों को राशि दी जाती है।

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