‘शब्दाक्षर’ के कवि सम्मेलन में कवियों ने समां बांधा

कोलकाता : हिंदी साहित्य और कवि सम्मेलनों का चोली दामन का नाता है। भारत में कवियों ने कभी स्वर्ण युग जीया है। भले ही आज के युग में कवि सम्मेलनों के आयोजन में कमी दिख रही है लेकिन कुछ साहित्यिक संस्थाओं ने कवि सम्मेलनों जैसे आयोजन की गरीमा बचा रखी है।

राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ की उत्तर 24 परगना जिला इकाई की ओर से रविवार की शाम दक्षिणेश्वर स्थित जानेमाने कवि गौरीशंकर दास के आवास पर कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। सम्मेलन में कई कवियों ने अपनी अपनी रचनाएं पेश कर वाहवाहियां लूटीं। कुछ कवियों ने कविताओं के माध्यम से जहां एक तरफ मुहब्बत का पैगाम दिया, वहीं कुछ कलमकारों ने राज नेताओं को लपेटे में लिया।

मंच पर मौजूद संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह, कोषाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र, पंच प्रभारी विश्वजीत शर्मा ने अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं कवि गौरीशंकर दास समेत अनीशा शाबरी, उर्वशी श्रीवास्तव, रीता चन्द्र पात्र, हीरालाल दास सुजान, नस्तर सहूदी, अंगद मिश्र, अनुज कुमार साव, अबुल कलाम, ओमप्रकाश चौबे, रंजीत झा, राजनारायण झा, जीवन सिंह व अन्य कवियों ने कविताओं की शानदार प्रस्तुति दी।

संस्था के दक्षिण कोलकाता के अध्यक्ष प्रदीप कुमार धानुक के संचालन में आयोजित इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाले जानेमाने कवि दयाशंकर मिश्र ने बताया कि 25 राज्यों में ‘शब्दाक्षर’ की ओर से सितंबर के महीने में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में तीन दिवसीय राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन का आयोजन होने वाला है। पिछले दो सालों से चेन्नई और हरिद्वार में राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन हो चुके हैं।

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