राजस्थान के मुख्यमंत्री का प्रोफाइल : चार बार भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे भजन लाल शर्मा

जयपुर : भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में इस बार ब्राह्मण चेहरे पर भरोसा जताते हुए भजनलाल शर्मा को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया है। 56 साल के शर्मा भाजपा के चार प्रदेश अध्यक्षों के साथ भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे हैं।

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भजनलाल शर्मा के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जु़ड़े होने के कारण भाजपा में उनकी गहरी पकड़ है। केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडेय की मौजूदगी में मंगलवार को उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। शर्मा पहली बार जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और जीते। उन्हें मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया था। उन्होंने इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज को 48 हजार 81 वोटों से शिकस्त देकर बड़ी जीत दर्ज की है।

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विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार के दौरान कांग्रेस ने भरतपुर के रहने वाले भजन लाल शर्मा पर बाहरी होने का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने सांगानेर की जनता से बाहरी प्रत्याशी को वोट न देकर शिकस्त देने की मांग की थी। इसके बावजूद भजन लाल शर्मा ने इस सीट से बड़ी जीत दर्ज की। वे संघ और संगठन, दोनों के करीबी माने जाते हैं। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद भजन लाल शर्मा ने कहा कि वे भाजपा के सभी नेताओं के साथ मिलकर राजस्थान का सर्वांगीण विकास करेंगे। भजनलाल शर्मा को सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर उतारा गया था।

भरतपुर के अटारी गांव में जन्मे भजनलाल शर्मा 27 साल की उम्र में अटारी गांव में सरपंच का चुनाव जीतकर राजनीति में आए थे। भजनलाल शर्मा 34 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। उन्होंने 10वीं कक्षा 1984 और 12वीं क्लास 1986 में नदबई के गगवाना हाईस्कूल से पास की थी। इसके बाद बीए 1989 में एमएसजे कॉलेज भरतपुर से की थी। 1993 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से नॉन कॉलेज छात्र के तौर पर राजनीति शास्त्र से एमए किया। युवा मोर्चा के नदबई मंडल के अध्यक्ष बनकर भजनलाल की भाजपा में एंट्री हुई थी। नदबई में वे एबीवीपी के अध्यक्ष और प्रमुख रहे, फिर भरतपुर जिले के सह संयोजक और कॉलेज इकाई प्रमुख एवं जिला सह प्रमुख बने थे। युवा मोर्चा भरतपुर के जिला मंत्री, जिला उपाध्यक्ष, जिला महामंत्री और तीन बार जिला अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद भाजपा में जिला मंत्री, जिला महामंत्री और जिला अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1992 में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में जेल भी जा चुके हैं। 1990 में एबीवीपी के कश्मीर मार्च में भी सक्रिय रूप से जुड़े और उधमपुर तक का मार्च किया था। इस दौरान उन्होंने गिरफ्तारी भी दी थी।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके संबंध पुराने हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले से जेपी नड्डा गोवर्धन परिक्रमा के लिए भरतपुर आते थे, तब भजनलाल भरतपुर के भाजपा जिला अध्यक्ष थे। उस समय से ही उनके करीबी बने हुए हैं।

भजनलाल को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे अशोक परनामी, मदन लाल सैनी, सतीश पूनिया और वर्तमान अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ महामंत्री के रूप में काम करने का अनुभव भी हैं। भजनलाल प्रदेश महामंत्री के रूप में अपने तीन-तीन साल के दो कार्यकाल पूरे करने के बाद लगातार तीसरी बार भी महामंत्री बने रहे। इससे पहले वे प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे हैं। संघ के बैकग्राउंड के कारण महामंत्री रहते उनके अच्छे संबंध संगठन महामंत्री चंद्रशेखर से भी बन गए। इस कारण उन्हें भाजपा ने महत्वपूर्ण और सेफ सीट से सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर, उन्हें मौका दिया। टिकट भी केंद्रीय नेतृत्व के दखल से तय किया गया था।

उनके पिता किशन स्वरूप शर्मा और मां गोमती देवी हैं। दोनों अभी अटारी गांव में ही रहते हैं। भजनलाल खेती और खनिज उपकरण की सप्लाई के काम से जुड़े हैं। ये उनका निजी व्यवसाय है। फिलहाल वे जयपुर के मालवीय नगर में रह रहे हैं। भजनलाल की पत्नी गीता भी पंचायत समिति सदस्य रह चुकी हैं। बड़ा बेटा आशीष प्रतियोगी परीक्षा (आरएएस) की तैयारी कर रहा है, वहीं छोटा बेटा कुणाल डॉक्टर है।

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