मुंबई : जाने-माने फिल्म कथा लेखक संजय चौहान का निधन हो गया। 62 वर्षीय चौहान ने गुरुवार को मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। फिल्म निर्माता धूप अश्विनी ने सोशल मीडिया पर संजय चौहान के निधन की जानकारी दी है। उनकी तस्वीर के साथ शोक संदेश लिखा- ‘’हमने कल रात संजय भाई को खो दिया। शांति से यात्रा करो, दोस्त।”
उल्लेखनीय है कि चंबल की दस्यु समस्या पर केंद्रित फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ की कथा लिखने का श्रेय संजय चौहान को जाता है। चौहान के परिवार में पत्नी सरिता और पुत्री सारा चौहान हैं। संजय को ‘पान सिंह तोमर’ के लिए ही नहीं बल्कि ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’, ‘धूप’, ‘साहेब बीवी गैंगस्टर’ और ‘आई एम कलाम’ जैसी फिल्मों को लिए भी जाना जाता है। ‘आई एम कलाम’ के लिए संजय को बेस्ट स्टोरी के फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया था। उन्होंने तिग्मांशु धूलिया के साथ ‘साहेब बीवी गैंगस्टर’ जैसी कई फिल्म की कथाएं भी लिखी हैं।
मूलरूप से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रहने वाले संजय चौहान के पिता रेलवे में काम करते थे और माँ एक स्कूल में पढ़ाती थीं। संजय ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली में पत्रकार के तौर पर की। उन्होंने वर्ष 1990 के दशक में सोनी टेलीविजन के लिए क्राइम-बेस्ड टीवी सीरीज ‘भंवर’ लिखी। इसके बाद वह मुंबई आ आए। संजय को सुधीर मिश्रा की साल 2003 में आई चर्चित फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ के संवादों के लिए भी जाना जाता है।