देश-दुनिया के इतिहास में 17 सिंतबर की तारीख का अहम स्थान है। इस तारीख का भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से खास रिश्ता है। दरअसल वर्ष 1950 में 17 सितंबर को नरेन्द्र मोदी का जन्म हुआ। उन्हें 26 मई, 2014 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। पांच बरस बाद 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर चुनाव जीता और उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की। यहां यह जानना दिलचस्प है कि नरेन्द्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने स्वतंत्र भारत में जन्म लिया। एक साधारण परिवार में जन्मे नरेन्द्र मोदी का सत्ता के शीर्ष पर पहुंचना इस बात का संकेत है कि यदि व्यक्ति में दृढ़ इच्छा शक्ति और अपनी मंजिल तक पहुंचने का जज्बा हो तो वह मुश्किल से मुश्किल हालात को आसान बनाकर अपने लिए नए मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
यह तारीख मिस अमेरिका प्रतियोगिता नस्लभेद के लिए भी महत्वपूर्ण है। गोरी अमेरिकी युवतियों के मिस अमेरिका बनने की परंपरा इस तारीख को 1983 में टूटी थी। वेनेसा विलियम्स ने यह प्रतियोगिता जीती थी। यह पहली बार था कि किसी अश्वेत महिला ने अमेरिकी सौंदर्य प्रतियोगिता जीती हो। उस समय हालात कुछ ऐसे बन गए थे कि विलियम्स को जान से मारने तक की धमकी मिली थी और नस्लभेदी तल्खियां भी सहनी पड़ीं। यह प्रतियोगिता जीते 10 महीने भी नहीं हुए थे कि उन्हें फोन पर धमकी मिली कि उनकी नग्न तस्वीरें ली गई हैं और छाप दी जाएंगी। विलियम्स का दावा था कि उन्होंने कभी इन तस्वीरों के इस्तेमाल की सहमति नहीं दी। ये तस्वीरें 1982 की थीं जब उन्होंने न्यूयॉर्क के एक फोटोग्राफर के साथ मेकअप सहायक के तौर पर काम शुरू किया था। फोटोग्राफर ने विलियम्स सहित कई महिलाओं के एक नए कंसेप्ट के लिए नग्न फोटो लिए थे। यह विवाद इतना उछला कि 1985 की ब्यूटी पेजेंट से स्पॉन्सर कंपनियों ने पीछे हटने की धमकी दी। आखिरकार दबाव में आकर 1984 में उन्होंने यह खिताब लौटा दिया। हालांकि उन्हें स्कॉलरशिप के पैसे और ताज रखने की अनुमति मिली। 23 जुलाई 1984 को उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह खिताब लौटाने की घोषणा की। इसके बाद दूसरे नंबर की विजेता सुजेटे चार्ल्स को यह खिताब मिला।