इतिहास के पन्नों में 26 सितंबरः तारीख गवाह है अमेरिका में टीवी पर पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट की

देश-दुनिया के इतिहास में 26 सितंबर की तारीख कई वजहों से दर्ज है। अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में इस तारीख का खास महत्व है। इसी तारीख को अमेरिका में 1960 में पहली बार टीवी पर प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई थी। जॉन एफ कैनेडी और रिचर्ड निक्सन के बीच हुई इस डिबेट ने अमेरिकी चुनाव में प्रचार के पूरे तरीके को बदल दिया था। आज भी अमेरिका में चुनाव प्रचार के लिए प्रेसिडेंशियल डिबेट को महत्वपूर्ण माना जाता है।

नवंबर 1960 में अमेरिका में चुनाव होने थे। डेमोक्रेटिक पार्टी ने कैनेडी और रिपब्लिकन पार्टी ने निक्सन को अपना उम्मीदवार बनाया था। दोनों ही उम्मीदवार जोरदार तरीके से चुनाव प्रचार में लगे हुए थे। उस वक्त तक अमेरिका में टीवी एक बड़ा माध्यम बन चुका था। फैसला लिया गया कि क्यों न प्रेसिडेंशियल डिबेट को टीवी पर ब्रॉडकास्ट किया जाए। शिकागो के एक स्टूडियो में डॉन हेविट के निर्देशन में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। फैसला लिया गया कि दोनों के बीच इस तरह की चार डिबेट करवाई जाएंगी।

26 सितंबर, 1960 को पहली डिबेट हुई। कहा जाता है कि इस डिबेट को देखकर ही दर्शकों ने अंदाजा लगा लिया था कि कैनेडी राष्ट्रपति पद के लिए निक्सन से बेहतर हैं। कैनेडी कैमरे पर पूरी तरह कॉन्फिडेंट दिखे जबकि निक्सन कैमरे के सामने नर्वस हो गए और उन्होंने मेकअप भी नहीं करवाया। डिबेट से कुछ दिन पहले ही निक्सन बीमारी से उठे थे, उसकी कमजोरी भी उनके हाव-भाव में साफ दिखाई दे रही थी। दर्शकों पर निक्सन के कमजोर और कैनेडी के कॉन्फिडेंट प्रजेंटेशन का असर हुआ। हालांकि दोनों के बीच कांटे की टक्कर रही। कैनेडी को 49.7 फीसद तो निक्सन को 49.6 फीसद वोट मिले।

इसके अलावा यह तारीख देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के जन्म की भी साक्षी है है। उनका जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। आगे की पढ़ाई ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से की। 1962 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डी.फिल किया। पंजाब यूनिवर्सिटी और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ाया। डॉ. सिंह ने वित्त मंत्रालय के सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री के सलाहकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया।

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