स्पीकर पर पक्षपात का आरोप
कोलकाता : बजट सत्र के दौरान तृणमूल और भाजपा विधायकों में हाथापाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने भाजपा के सात विधायकों को सस्पेंड कर दिया था। उनका सस्पेंशन वापस करने का आवेदन इस बार मानसून सत्र में पार्टी की ओर से दिया गया था लेकिन सोमवार को अध्यक्ष विमान बनर्जी ने उसे भी खारिज कर दिया है। इसके खिलाफ भाजपा के विधायकों ने विधानसभा के बाहर गेट पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया है।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन के दौरान अध्यक्ष पर पक्षपात के आरोप लगाए गए। विधानसभा अध्यक्ष ने दावा किया है कि सात विधायकों का सस्पेंशन वापस लेने संबंधी भाजपा की ओर से जो आवेदन किया गया है वह गलत है। इसी को लेकर भाजपा विधायकों ने प्रदर्शन किया है।
इस बार का मानसून सत्र गत 10 जून से शुरू हुआ है। पहले दिन यानी शुक्रवार को दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद सोमवार की सुबह 10:30 बजे विधानसभा का सत्र शुरू हुआ है जिसमें भाजपा के विधायक शामिल नहीं हुए हैं। सभी का कहना है कि जब तक पार्टी के सातों विधायकों का निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा तब तक भाजपा का एक भी विधायक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगा।
निलंबित विधायकों में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और पार्टी के चीफ व्हिप मनोज टिग्गा भी शामिल हैं। सोमवार को इन सब का सस्पेंशन वापस लेने के लिए पार्टी की ओर से आवेदन किया गया था लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि आवेदन गलत है इसे ठीक करके मंगलवार को दीजिए। मंगलवार को बिजनेस अकाउंटिंग कमेटी की बैठक है। आप लोगों का आवेदन अगर सही हुआ तो उस बारे में निर्णय लिया जाएगा।
इसके बाद भाजपा विधायकों ने विधानसभा के गेट पर नारेबाजी शुरू कर दी। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि आज या कल जब भी हमारा सस्पेंशन खत्म होगा तो हम विधानसभा के अंदर जाकर आवाज उठाएंगे। बंगाल में जो हो रहा है वह राज्य सरकार की विफलता है और सत्तारूढ़ पार्टी इसमें मदद कर रही है। विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद पर राज्यपाल को हटाकर मुख्यमंत्री को नियुक्त किया जा रहा है, इस विधेयक का हम लोग जोरदार विरोध करेंगे। इसके अलावा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राज्य में हिंसा और बंगाल के मूल निवासियों के साथ हो रही मारपीट पर भी राज्य सरकार से जवाब तलब करेंगे। अध्यक्ष विमान बनर्जी सत्तारूढ़ पार्टी के नेता की तरह बर्ताव कर रहे हैं, यह कतई स्वीकार नहीं है।