Tag Archives: History

इतिहास के पन्नों में : 14 जनवरी – हजार चौरासी की माँ

पद्मश्री, ज्ञानपीठ, पद्म विभूषण, बंग विभूषण सहित कई दूसरे सम्मानों से प्रतिष्ठित लेखिका महाश्वेता देवी का जन्म 14 जनवरी 1926 को अविभाजित भारत के ढाका में हुआ था। उनके पिता मनीष घटक और मां धारीत्री देवी नामचीन लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता थे। ढाका से शुरुआती पढ़ाई के बाद महाश्वेता देवी ने विश्वभारती विवि, शांति निकेतन […]

इतिहास के पन्नों में : 13 जनवरी – दुनिया का सबसे बड़ा सीरियल किलर जिसने खुद को भी मार डाला

एक ऐसा डॉक्टर जो अपने मरीजों में जिंदगी नहीं, मौत बांटने के लिए कुख्यात था। ऐसा दरिंदा जो मां की मौत के बाद अपने अस्पताल में आने वाली बुजुर्ग महिला मरीजों को बिना किसी वजह के मौत के घाट उतार देता था। उसकी खूनी सनक का शिकार हुई महिलाओं के अंतिम संस्कार में भी वह […]

इतिहास के पन्नों में : 12 जनवरी – एक दैदीप्यमान स्वर

शास्त्रीय गायन में अनेकानेक दिग्गज हुए जिन्होंने न केवल संगीत की पूरी धारा को प्रभावित किया बल्कि किसी खास कालखंड का प्रतिनिधित्व किया। ऐसे ही दिव्य सांस्कृतिक विभूति के रूप में रेखांकित किये गए हिंदुस्तानी और कर्नाटक संगीत के माहिर गायक पंडित कुमार गंधर्व। निर्गुन गायन में विशिष्ट पहचान रखने वाले कुमार गंधर्व ने कबीर […]

इतिहास के पन्नों में : 11 जनवरी – जिनके कहने पर देश ने सप्ताह में एक वक्त का भोजन छोड़ दिया

साल 1965 की लड़ाई के दौरान भारत पर दबाव बनाने की मंशा से तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने धमकी का दांव चला। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को कहा कि अगर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई बंद नहीं की गयी तो भारत को पीएल 480 के तहत जो लाल गेहूं अमेरिका भेजता है, उसे […]

इतिहास के पन्नों में : 10 जनवरी – कैमरे में मध्यमवर्ग का चेहरा गढ़ने वाला फिल्मकार

उनकी फिल्मों की कहानियां आम जिंदगी के करीब इतने कि उसके फिल्मी होने को लेकर शक पैदा होने लगे। नायक का चेहरा-मोहरा और ढंग-ढर्रे ऐसा कि उस दौर का हर मामूली नौजवान उससे वाबस्ता था। बासु चटर्जी की फिल्में मध्यम वर्ग के सपनों और दुविधाओं की नायाब कहानियां हैं। एक समय जिसे समानांतर सिनेमा/ आर्ट […]

इतिहास के पन्नों में : 9 जनवरी – फांसी के समय भी देश के लिए लड़ने का आह्वान

आजादी का अमृत महोत्सव राष्ट्रीय स्वाधीनता के लिए बलिदान होने वाले रणबांकुरों को याद करने का भी अवसर है। सच यह है कि ऐसे शहीदों को इतिहास ने उनकी गरिमा के अनुरूप याद नहीं किया। ऐसे ही एक मातृभूमि-भक्त थे राजा नाहर सिंह। उन्हें आज ही की तिथि (9 जनवरी) को फांसी दी गई थी। […]

इतिहास के पन्नों में : 8 जनवरी – ज्ञानपीठ से सम्मानित पहली महिला लेखिका

ऐसी बालिका जिसकी शिक्षा पर पाबंदी थी, आगे चलकर न केवल साहित्यकार बनीं बल्कि बंकिमचंद्र, रवींद्रनाथ टैगोर और शरदचंद्र की गौरवशाली त्रयी के बाद बांग्ला साहित्य व समाज को सबसे अधिक आशापूर्णा देवी ने समृद्ध और प्रभावित किया। वे भारत की पहली महिला लेखिका बनीं, जिन्हें 1976 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 8 […]

इतिहास के पन्नों में : 7 जनवरी – ऐसा वैज्ञानिक जिसने मानव इतिहास को बदल दिया

एक ही समय में भूत, भविष्य और वर्तमान को देखने वाला ऐसा वैज्ञानिक जिसने अपने समय में ऐसी हैरतअंगेज भविष्यवाणियां कीं, जो सौ वर्षों बाद सही साबित हुई। इस वैज्ञानिक ने खुद कई ऐसी खोजें कीं जो मानव के बौद्धिक समृद्धि की मिसाल हैं। क्रोशिया में 1856 में पैदा होने वाले निकोला टेस्ला ने टेस्ला […]