चंद्रशेखर आजाद। यह नाम सामने आते ही स्वतंत्रता आंदोलन का वह स्वर्णिम पृष्ठ सामने आता है, जिस पर एक बेमिसाल कहानी दर्ज है। यह कहानी चंद्रशेखर आजाद की है। मध्यप्रदेश में तत्कालीन झाबुआ जिले के भाबरा गांव (अब चंद्रशेखर आजाद नगर) में पैदा हुए चंद्रशेखर तिवारी सिर्फ 15 साल की उम्र में चर्चा में आ […]
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11 सितंबर 2001 को दुनिया का चाल-चरित्र और चेहरा अचानक उस समय बदल गया, जब चार अलकायदा आतंकियों ने हाईजैक किए गए यात्री विमानों को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकरा दिया। हमले में दोनों टावर्स ध्वस्त हो गए। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया सन्न रह गयी थी। इस […]
अहमदाबाद में 24 फरवरी 1822 को दुनिया का पहला स्वामीनारायण मंदिर बनकर तैयार हुआ। बारीक नक्काशी के लिए मशहूर यह मंदिर श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था का केंद्र है। जिसे स्वामीनारायण मंदिर या अक्षरधाम भी कहा जाता है। आज भारत के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में स्वामीनारायण मंदिर हैं। अकेले अमेरिका में 30 स्वामीनारायण मंदिरों […]
पद्म भूषण से सम्मानित सुप्रसिद्ध साहित्यकार अमृतलाल नागर का 23 फरवरी 1990 को निधन हो गया। वे हिंदी साहित्य लेखन की क्लासिकल परंपरा की आखिरी पीढ़ी में शामिल साहित्यकार थे। उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद और शरदचंद चट्टोपाध्याय से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त 1916 को आगरा में एक गुजराती ब्राह्मण […]
16 अप्रैल 1853 में बाम्बे और ठाणे के बीच पहली बार भारतीय रेल जब पटरी पर दौड़ी तो अंदाजा लगाना मुश्किल था कि यह कितना लंबा सफर होगा। इस सफर के लगभग 169 साल बाद दुनिया के पांच सबसे बड़े नेटवर्क वाला भारतीय रेल आज हमारे सामने है। देश के सुदूरतम हिस्सों को एक-दूसरे से […]
भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में शामिल वैष्णव धर्म के भक्ति योग के परम प्रचारक चैतन्य महाप्रभु का आध्यात्मिकता के प्रसार के साथ कई दूसरे क्षेत्रों में भी अहम योगदान है। उन्होंने अराजक और अस्थिरता भरे दौर में हिन्दू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया, जाति व ऊंच-नीच के भेदभाव को दूर करने का अहम संदेश दिया। विलुप्त […]
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का ऐसा क्रांतिकारी, जिसने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का शंखनाद किया। वासुदेव बलवंत फड़के ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह को संगठित रूप देने वाले पहले क्रांतिकारी माने जाते हैं। ब्रिटिश काल में गुलामी में जकड़े भारतीय समाज को देखकर फड़के का मन विचलित हो उठा और उनका दृढ़ विश्वास था […]
16 फरवरी 1944 को हिंदी सिनेमा के पितामह, सूत्रधार और महान स्वप्नदर्शी फिल्मकार दादा साहब फाल्के का निधन हो गया। उनके सम्मान में दिया जाने वाला दादा साहब फाल्के पुरस्कार, भारतीय सिने जगत का सर्वाधिक प्रतिष्ठित सम्मान है। दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को त्र्यंबकेश्वर नामक तीर्थस्थल के करीब हुआ था। उनका […]
पाठ्य-पुस्तकों में शामिल कविता की ये पंक्तियां बाल मन पर जादुई असर करती है- चमक उठी सन सत्तावन की वह तलवार पुरानी थी/ बुंदेले हरबोलो के मुंह हमने सुनी कहानी थी/ खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसीवाली रानी थी। ये पंक्तियां अमर कविता ‘झांसी की रानी’ का हिस्सा है। राष्ट्रीय चेतना की मुखर कवयित्री सुभद्रा […]
पिछले कुछ समय से 14 फरवरी वैलेंटाइंस डे के रूप में मनाया जाता है। इसके विपरीत बहुत कम लोग जानते हैं कि यह दिन हमारे देश की आजादी के लिए मातृभूमि के चरणों में बलिदान होने वालों का भी है। ऐसे क्रांतिकारी, जिनके लिए गांधीवादियों ने भी ऊपर तक फरियाद की थी। फिलहाल, वैलेंटाइंस डे […]