कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने एक बार फिर दो सरकारी एजेंसियों से सवाल पूछे हैं। न्यायाधीश ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में भ्रष्टाचार को समझने के लिए चार सवालों के जवाब मांगे। इनके जवाब दस दिनों के भीतर राजकीय विद्यालयों में भर्ती के प्रभारी स्कूल सेवा आयोग और मध्य शिक्षा परिषद को देना है।
शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्कूलों में ग्रुप-डी या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती के मामले की सुनवाई की। न्यायमूर्ति गांगुली के खंडपीठ में सीबीआई ने कहा कि स्कूल भर्ती में असीमित भ्रष्टाचार हुआ है, अवैध रूप से अनगिनत लोगों को नियुक्त किया गया है। यहां तक कि 2823 लोगों की उत्तर पुस्तिका या ओएमआर शीट से भी छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद न्यायाधीश ने स्कूल सेवा आयोग और मध्य शिक्षा परिषद से जवाब-तलब किया। उन्होंने शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान एसएससी और बोर्ड से कुल चार सवाल पूछे।
जस्टिस ने पूछा है- 1) ग्रुप-डी के पदों में कितनी रिक्तियां थीं? 2) सिफारिश के कितने पत्र दिए गए हैं? 3) कितनी ओएमआर शीट में हेराफेरी की गई है?
इसके अलावा न्यायाधीश ने माध्यमिक शिक्षा परिषद से पूछा -माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कितने लोगों को नियुक्ति दी है? साथ ही कोर्ट में उनके नाम, पता, पिता का नाम और पहचान की जानकारी बोर्ड को देने का आदेश दिया है। न्यायाधीश ने दोनों सरकारी एजेंसियों को दस दिनों के भीतर इस संबंध में जवाब देने का आदेश दिया।