कोलकाता : पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली के मामले में मंत्री पार्थ चटर्जी आखिरकार मंगलवार की शाम को सीबीआई के दफ्तर पहुंच गए। सीबीआई अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।
तत्कालीन शिक्षा मंत्री और अब राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी हाई कोर्ट के निर्देशानुसार बुधवार शाम केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निजाम पैलेस स्थित दफ्तर में समय से 20 मिनट पहले ही पहुंच गए। कोर्ट ने उन्हें 6 बजे तक सीबीआई दफ्तर पहुंचने का आदेश दिया था। सीबीआई अधिकारी मंत्री पार्थ को दफ्तर के अंदर ले गए हैं।
केंद्रीय एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार चटर्जी से पूछताछ शुरू हुई है। दफ्तर के बाहर किसी भी तरह का हंगामा ना हो इसके लिए कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की है। सीबीआई दफ्तर में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती पहले से ही है।
उल्लेखनीय है कि एसएससी के जरिए ग्रुप सी में शिक्षकों की नियुक्ति में 381 ऐसे लोगों को नियुक्त किया गया है, जिनमें से 222 ने परीक्षा ही नहीं दी थी। इसके अलावा 159 लोग फेल होने के बावजूद मेरिट लिस्ट में आ गए। तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पर आरोप है कि पूरी कैबिनेट और विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता से भ्रष्टाचार हुआ है। इसी मामले में हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली के पीठ ने बुधवार शाम 6 बजे के पहले सीबीआई दफ्तर पहुंचने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि तय समय पर उनके सीबीआई दफ्तर न पहुंचने उन्हें हिरासत में ले सकती है। इस आदेश के खिलाफ चटर्जी न्यायमूर्ति हरीश टंडन के खंडपीठ में गए थे लेकिन खंडपीठ ने मामले में सुनवाई से ही इनकार कर दिया।