स्कूल में बंदूक लेकर घुसने की घटना को मुख्यमंत्री ने बताया साजिश, कहा : सामूहिक बंधक बनाने की योजना

कोलकाता : मालदा जिले के एक स्कूल में एक व्यक्ति के हाथ में बंदूक, चाकू और दो पेट्रोल बम लेकर घुसने की घटना को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंभीर करार दिया है। उन्होंने इसके पीछे साजिश की आशंका जाहिर करते हुए कहा है कि योजना सामूहिक तौर पर बच्चों को बंधक बनाने की थी।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को इस घटना के तुरंत बाद नवान्न में प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि वे बच्चों को बंधक बनाने के लिए बंदूक लेकर स्कूल में घुसे लेकिन पुलिस, शिक्षकों और पत्रकारों ने बड़ी सूझबूझ दिखाई है। बड़ी चतुराई से साज़िश को विफल किया गया।

मालदा के मुचिया चंद्रमोहन उच्च विद्यालय में बुधवार की दोपहर एक बंदूकधारी तमंचा लेकर अचानक घुस गया। उसके पास दो पेट्रोल बम और एक चाकू भी था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बंदूकधारी ने कक्षा में घुसने के बाद पहले शिक्षक को धमकाया। इसके बाद उसने तमंचा उठा लिया और छात्रों को भी जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उसे क्लासरूम में खड़े होकर अनाप-शनाप बातें करते सुना गया। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और पत्रकारों की भीड़ में मिलकर बंदूकधारी को काबू कर लिया। बुधवार को घटना के एक घंटे के भीतर मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस, पत्रकारों और स्कूल के शिक्षकों की तारीफ की। हालांकि, साथ ही उन्होंने सवाल उठाया, ”वह बंदूकधारी बिना परिचय पत्र के स्कूल परिसर में कैसे घुस गया?”

इस घटना के बाद पुलिस ने बंदूकधारी को गिरफ्तार कर लिया। बाद में पता चला कि शख्स का नाम देव वल्लभ है। उसका घर नेमुआ, पुराना मालदा में है। इससे पहले वह कई बार फेसबुक पर तरह-तरह की धमकी देते नजर आ चुका है। बुधवार को उसे यह कहते सुना गया, ”मेरी पत्नी कहां है? सब कहते हैं मेरी बीवी का कैरेक्टर खराब है, मेरी बीवी को कहा जाता है कि तुम्हारे पति का कैरेक्टर खराब है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरी घटना की विस्तार से जानकारी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है लेकिन साथ ही ममता ने सावधान रहने की सलाह दी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

मुख्यमंत्री की सलाह, ”मैं स्कूल कमेटी को कहूंगी, स्कूल खुलने के बाद स्कूल में दो गेटकीपर की व्यवस्था की जाए। जरूरत पड़ने पर वे पुलिस की मदद भी ले सकते हैं। बिना पहचान पत्र के विद्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया जाए। हालांकि, गांव के लोग सरल हैं और हो सकता है कि उन्होंने यह सोचकर उन्हें प्रवेश करने दिया हो कि वे अभिभावक थे। लेकिन यह युग साइबर क्राइम का युग है, सतर्क रहें।”

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