लोक आस्था का महापर्व 4 दिवसीय छठ नहाय-खाय के साथ शुरू

मोतिहारी/कोलकाता : लोकआस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। पर्व को लेकर व्रतियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। आज व्रतियों द्वारा नहा-धोकर कद्दू की सब्जी, अरवा चावल का भात, चने की दाल सहित विविध व्यंजन बनाकर भगवान को भोग लगाया जा रहा है। इसके बाद सपरिवार मिल बैठकर प्रसाद ग्रहण किया जाएगा।

पंडित बिट्टू भरद्वाज ने कहा कि कार्तिक शुक्ल षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व में महिलाओं को काफी कठिन उपवास रखना पड़ता है और सामाजिक रूप से इस पर्व का काफी महत्व है। व्रतियों ने नहाय खाय के दिन कद्दू का सब्जी व भात सेवन किया। चार दिवसीय अनुष्ठान सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पण के साथ संपन्न होगा। इस व्रत की शुरुआत नहाय खाय की विधि के साथ होती है। इसके तहत व्रती सुबह घरों की साफ- सफाई करते है और स्नान करने के बाद मिट्टी के चूल्हे पर अरवा चावल के भात चने की दाल और लोकी कद्दू की सब्जी बनाते है। इससे पहले व्रती महिला और पुरुष पकवानों को सूर्य देवता को भोग लगाते है और अपने स्वजनों की मंगलकामना करते हैं।

छठ व्रती बिना किसी बाधा के इस अनुष्ठान को तप और निष्ठा के साथ पूरा करते हैं। कल शनिवार को खरना होगा। रविवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को शाम 5.31 पर अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद सोमवार को उदीयमान भगवान भास्कर को प्रातः 6.30 बजे अर्घ्य दिया जाएगा। छठ को लेकर बाजारों में चहल पहल चरम पर है। लोग प्रसाद सहित अन्य जरूरत के सामान खरीद रहे हैं। हाट बाजारों में भीड़-भाड़ के साथ गहमागहमी देखी जा रही है।

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