समय पर पूरा नहीं हो रहा आवास योजना का काम, बंगाल सरकार ने जिलाधिकारियों से मांगा जवाब

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के काम में धांधली और फंड को डाइवर्ट करने के आरोपों के बीच राज्य सरकार ने इस योजना के तहत चयनित लोगों के आवास निर्माण का काम जल्द पूरा करने को लेकर तत्परता बढ़ा दी है। समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण कई जिला अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी है। बताया गया है कि आवास योजना की सूची में नाम फाइनल करने के लिए राज्य सरकार ने 31 जनवरी की तारीख तय की है। अभी भी कई जिलों में काम काफी धीमा चल रहा है जिसकी वजह से समय पर काम पूरा होता नहीं दिख रहा है इसीलिए प्रत्येक जिला अधिकारी को पत्र लिखकर सतर्क किया गया है। सचिवालय के सूत्रों ने बताया है कि इस वित्त वर्ष में 11 लाख 36 हजार 888 आवास निर्माण के लिए अनुमोदन केंद्र सरकार ने दिया है। इनमें से राज्य में 10 लाख 86 हजार 317 लोगों के आवास निर्माण के लिए सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। यह 27 जनवरी तक का आंकड़ा है। अभी भी 50 हजार 171 लोगों की सूची को अंतिम रूप दिया जाना है।

इनमें से 73.81 प्रतिशत सिलीगुड़ी जिला परिषद के अंतर्गत, 84.44 प्रतिशत मुर्शिदाबाद जिले में, 90.91 प्रतिशत दक्षिण दिनाजपुर जिले में, 94.23 प्रतिशत दक्षिण 24 परगना जिले में, 95.09 प्रतिशत बीरभूम जिले में, 95.09 प्रतिशत नदिया जिले में, 95.12 प्रतिशत कूचबिहार जिले में स्वीकृत है। बाँकुड़ा जिले को सबसे ज्यादा मंजूरी मिली है।

इस जिले में आवास योजना की सूची में अब तक 99.30 प्रतिशत आवास स्वीकृत हो चुके हैं, जबकि सबसे अधिक आवास स्वीकृत मुर्शिदाबाद जिले में लंबित हैं। जिले में सात हजार से अधिक आवासों की स्वीकृति लंबित है। इसे अंतिम रूप देने के लिए नगर निगम अथवा जिला परिषद या पंचायत से अधिकारी उस भूमि के टुकड़े पर पहुंचते हैं जहां आवास निर्माण होना है। उसे वेरीफाई करते हैं और जीपीएस के जरिए उसे अंतिम रूप दिया जाता है। इसीलिए यह काफी लंबा वक्त लेने वाली प्रक्रिया है।

केंद्र ने आवास योजना के घरों के निर्माण के लिए राज्य को पहले ही मंजूरी दे दी है। इसके लिए केंद्र से 8200 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने वह पैसा जारी नहीं किया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने फिर से राज्य को पत्र लिखकर पिछले भुगतान का हिसाब मांगा है। जब तक राज्य सरकार आय-व्यय का हिसाब नहीं देगी तब तक अगली किस्त नहीं दी जा सकेगी। उस पत्र के साथ राज्य को कई सौ पन्नों की प्रश्नावली भी भेजी गई थी। केंद्र से राशि नहीं मिलने के कारण राज्य ने अभी तक आवास निर्माण शुरू नहीं किया है। हालांकि राज्य शत-प्रतिशत आवास निर्माण सूची के लक्ष्य को पूरा करना चाहता है। इसीलिए जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सूची को अंतिम रूप देने में तेजी बरतने को कहा गया है।

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