– राजेश कुमार ठाकुर कोलकाता : महानगर की धरोहर ट्राम की वर्तमान स्थिति किसी से छिपी नहीं है। ट्राम के रूट को कम करते-करते इतना कम कर दिया गया है कि अब बमुश्किल लोगों को ट्राम देखने को मिलती है।
पिछले दिनों बस का इंतज़ार करते हुए अचानक एक पुरानी ट्राम नज़र आ गई। कम दूरी की यात्रा करने निकला था तो विकल्प के रूप में ट्राम का चयन कर लिया। ट्राम में महज 7-10 लोग सवार थे। ट्राम बाहर से ही पुरानी नज़र नहीं आ रही थी बल्कि अंदर से भी ट्राम के हालात उसकी बदहाली की कहानी कह रहे थे।
जिस सीट पर पहले बैठने का मन बनाया वह सीट बैठने के साथ ही डगमगाकर अपने कमजोर होने का अहसास करवाने लगी। फिर दूसरी सीट पर डरते हुए टेक लगा ली। बाहर और अंदर से बदहाल नज़र आ रही ट्राम में अचानक एक पेपर पर आंखें रुक गईं। ड्राइवर के ठीक पीछे लगे गेट पर चिपकाए गए उस पेपर पर लिखा था कि ट्राम में वाई-फाई उपलब्ध है। वाई- फाई कनेक्ट करने के लिए पासवर्ड भी उस पेपर पर लिखा गया था।
बिना समय गंवाए मैंने, अपने मोबाइल में इस जानकारी की पुष्टि की। वाई-फ़ाई कनेक्ट हो गया था और इंटेरनेट की गति ट्राम की गति से कहीं ज्यादा तेज़ थी।
एक यात्री के दृष्टिकोण से राज्य परिवहन विभाग की ओर से की गई यह पहल आधुनिकता के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली जरूर नजर आती है लेकिन वाई-फाई से पहले अगर विभाग ट्राम के रख रखाव पर ध्यान दे तो यह यात्रियों के लिए अधिक फायदेमंद रहेगा।
अभी तक 10 ट्राम हुए Wi-Fi से लैस
वेस्ट बंगाल ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (WBTC) सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक पुराने और नए मिलाकर कुल 10 ट्रामों को वाई-फाई से लैस किया गया है जिसका लाभ यात्रियों को मिल रहा है।
ट्राम की वर्तमान स्थिति एक समय महानगर में विस्तृत रूप से सेवा प्रदान करने वाली ट्राम अब चंद रूटों में सिमट कर रह गई है। हालांकि कुछ थीम वाले ट्राम की पेशकश कर परिवहन विभाग ट्राम को जीवंत रखने का प्रयास जरूर कर रहा है लेकिन जब तक यात्री सेवा वाले ट्राम की संख्या और रूट बढ़ाये नहीं जाते, तब तक ट्राम को फिर से महानगर के लोगों के मन की पटरी पर दौड़ना बेहद मुश्किल है।
अभी टॉलीगंज से बालीगंज, गरियाहाट से धर्मतल्ला और श्यामबाजार से धर्मतल्ला तक कुल 3 रूटों में ट्राम की सेवा प्रदान की जा रही है।