कोलकाता : भर्ती भ्रष्टाचार मामले में नाम आने के बाद से तृणमूल विधायक तापस साहा ने पार्टी के खिलाफ खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। सीबीआई की तलाशी के बाद रविवार को विधायक तापस साहा ने पार्टी के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी उनके पक्ष में हो या न हो, वह अपने तरीके से चुनाव लड़ेंगे। उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
कभी वे कहते हैं कि ममता बनर्जी के अलावा पार्टी में कोई महत्वपूर्ण नहीं है। तो कभी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक का नाम ले रहे हैं। भर्ती भ्रष्टाचार मामले में शुक्रवार को सीबीआई ने विधायक तापस साहा के घर की तलाशी ली। 15 घंटे तक तलाशी चली। इस तलाशी के बाद विधायक तापस साहा ने रविवार को फिर पार्टी के खिलाफ रोष जताया।
आक्रोश व्यक्त करते हुए विधायक ने कहा, ‘मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं। मैं केवल यह उम्मीद करता हूं कि संकट के समय अधिकारी मेरी मदद करेंगे। लेकिन मुझे अपने साथ कोई नहीं मिला। जिले में किसी से संपर्क करने का कोई फायदा नहीं। किसी के पास समय नहीं है। हर कोई अपने आप में व्यस्त है।’
पंचायत चुनाव को लेकर उन्होंने कहा, ‘चुनाव की किसी को परवाह नहीं है। सिस्टम अच्छा नहीं है। कोई प्रचार नहीं कर रहा है। मैं तेहट्ट विधानसभा में पार्टी का चेहरा सुरक्षित रखूंगा। मुझे नहीं पता कि कहां क्या होगा।’
तापस साहा की टिप्पणियों के बारे में तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने कहा कि पार्टी एक संयुक्त परिवार है। टीम के पास एक प्रोटोकॉल है। अगर उन्हें कुछ कहना है, तो समूह में कहें। लोग तृणमूल को ममता बनर्जी के कारण प्यार करते हैं, अगर कोई सोचता है कि यह उनकी वजह से है या वह पार्टी जीतेगी, तो यह गलत विचार है। दूसरी तरफ विरोधियों ने भी तापस साहा की आलोचना की है।