वक्फ संशोधन के खिलाफ प्रदर्शन की आड़ में बंगाल के चार जिलों में जमकर हिंसा, सीएम ने की शांति बनाए रखने की अपील

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में बीते 24 घंटे के भीतर चार अलग-अलग जिलों में भड़की हिंसा ने प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। मुर्शिदाबाद जिले के सूती और जंगीपुर इलाकों में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। शुक्रवार को मुर्शिदाबाद के अलावा मालदा, हुगली और उत्तर 24 परगना में भी हिंसा हुई थी। हालांकि बाकी तीन जिलों में प्रशासन की सक्रियता के बाद हालात सामान्य बने हुए हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए दावा किया कि इस बिल को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगे।

इसी बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार ने एक सख्त संदेश देते हुए कहा है कि पुलिस के संयम को कमजोरी न समझा जाए, हालात बिगड़ने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को कोलकाता में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी ने कहा कि अगर हालात और बिगड़े तो पुलिस सख्त से सख्त कदम उठाने में हिचकेगी नहीं।

डीजीपी ने बताया कि शुक्रवार को मुर्शिदाबाद के सूती क्षेत्र में प्रदर्शन के दौरान हालात बेकाबू होने पर पुलिस को चार राउंड फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें दो प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। हालांकि दोनों की हालत अब स्थिर है और फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

एडीजी ने अफवाहों पर चेताया, 118 गिरफ्तारराज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जावेद शमीम ने प्रेस वार्ता में कहा, “एक सुनियोजित तरीके से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के ज़रिये अफवाहें फैलाई जा रही हैं। आम लोगों से अपील है कि वे किसी भी अपुष्ट खबर पर विश्वास न करें और सतर्क रहें।”

उन्होंने बताया कि अब तक 118 लोगों को हिंसा और अराजकता फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने राज्यभर में निगरानी बढ़ा दी है और कंट्रोल रूम पूरी तरह से सक्रिय है।

राज्यपाल ने भी जताई चिंता, मांगी रिपोर्टराज्यपाल सीवी आनंद बोस ने जंगीपुर की हिंसा को लेकर गहरी चिंता जताते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में विरोध का अधिकार सबको है, लेकिन विरोध के नाम पर अराजकता और हिंसा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो कानून हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं।”

राज्यपाल ने इस सिलसिले में मुख्य सचिव मनोज पंत से रिपोर्ट तलब की है और कहा है कि पुलिस को स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए तुरंत और प्रभावी कदम उठाने होंगे। उन्होंने बताया कि हिंसा की आशंका को देखते हुए उन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गोपनीय चर्चा की थी।

फारक्का में एसडीपीओ घायल, सांसद को भी झेलनी पड़ी भीड़ की नाराजगीमुर्शिदाबाद के अलावा दक्षिण 24 परगना के आमतला और हुगली के चांपदानी में भी विरोध प्रदर्शन के दौरान झड़पें हुई हैं। आमतला में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे जवाबी कार्रवाई में तनाव और बढ़ गया। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग 117 पर भी यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।

फारक्का में विरोध प्रदर्शन के दौरान सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) घायल हो गए। वहीं, तृणमूल सांसद खलीलुर रहमान को जंगीपुर के धुलियान में प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। खलीलुर ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर कर अपशब्द कहे और उनपर हमले की कोशिश की गई। उन्हें पुलिस ने सुरक्षित निकाला।

शुभेंदु अधिकारी ने सरकार पर साधा निशानापश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पूरे घटनाक्रम पर राज्य सरकार को घेरते हुए कहा है कि बंगाल में कुछ कट्टरपंथी तत्व संविधान और कानून का खुलेआम विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये कट्टरपंथी सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, आम नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है और राज्य सरकार मूक दर्शक बनी हुई है।

तीन जिलों में शांति, मुर्शिदाबाद में अब भी तनावपिछले 24 घंटे में चार जिलों में हिंसा की घटनाएं सामने आई। इनमें से तीन जगह- चांपदानी, आमतला और धुलियान में फिलहाल शांति बहाल हो गई है। मुर्शिदाबाद में अभी भी तनाव है और प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। वहां अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है और संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया जा रहा है।

डीजीपी राजीव कुमार ने आम जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है और किसी भी कीमत पर कानून-व्यवस्था भंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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