पार्थ का नाम लिए बिना ममता ने कहा : एक की गलती के लिए सभी को दोषी ठहराना सही नहीं

कोलकाता : शिक्षक नियुक्ति में भ्रष्टाचार व आर्थिक अनियमितता से जुड़े मामलों में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि किसी एक व्यक्ति की गलती के लिए सभी को दोष देना सही नहीं है। सोमवार को विश्व बांग्ला मेला परिसर में शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य सरकार के ”शिक्षा रत्न” समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में किसी का नाम नहीं लिया लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार के हालिया आरोपों और उसके कारण घटित घटनाओं के विषयों को उन्होंने बार-बार उठाने की कोशिश की।

एक व्यक्ति की गलती के लिए दूसरे को दोषी ना ठहराने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक गलती हो चुकी है। ऐसे में एक की गलती के लिए सभी को दोषी ठहराना सही नहीं है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि अच्छे लोग भी कुसंगति के कारण बुरे बन जाते हैं, हमें उन्हें सही राह पर लाना होगा। उन्होंने नेताजी का उल्लेख करते हुए कहा कि नेताजी ने कहा था कि गलती करना हमारा अधिकार है।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने भाजपा शासित मध्यप्रदेश के व्यापम भ्रष्टाचार मामले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि व्यापम हुआ, आपने देखा तो। 53 लोगों ने आत्महत्या कर ली। वहां के शिक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया। निचले स्तर पर कोई भी गलती करे लेकिन उसका दोष ऊपर ही आता है।

शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में ममता ने राज्य की पूर्व वाममोर्चा सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के दौरान कोई गलती नहीं हुई क्योंकि कोई फाइल नहीं मिली। हमने किसी की नौकरी नहीं ली। सीपीएम के जमाने का एक भी पेपर नहीं है। मुझे फाइल नहीं मिली। मुझे पेपर नहीं मिला। मुझे आलमारी नहीं मिली। कुछ नहीं मिला। गलती सिर्फ इसलिए पकड़ी जाती है क्योंकि कागज मौजूद हैं।

ममता ने आगे कहा कि याद है, बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा था कि मैं चोरों की कैबिनेट में काम नहीं करूंगा? उसके बाद ममता ने सीपीएम के दौर में स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए भ्रष्टाचार का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक गंगोपाध्याय के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि अशोक गंगोपाध्याय ने कहा था कि किसी ने गलती की है, आप उसे सुधारें।

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