ईस्टर्न इंडिया माइक्रोफाइनेंस समिट के सातवें संस्करण का सफल आयोजन

कोलकाता : द एसोसिएशन ऑफ माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस – वेस्ट बंगाल ने पीडब्ल्यूसी, एमफिन और सा-धन के सहयोग से ईस्टर्न इंडिया माइक्रोफाइनेंस समिट, 2023 के सातवें संस्करण का कोलकाता में सफल आयोजन किया। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय था ‘द नेक्स्ट जेन माइक्रोफाइनेंस – रोल ऑफ डिजिटल टेक्नोलॉजी इन द डेवलपिंग रोडमैप ऑफ माइक्रोफाइनेंस’। इस सम्मेलन में एमएफआई उद्योग से जुड़े दिग्गज, नियामकों और फंडर्स की भागीदारी देखी गई, जिन्होंने इस क्षेत्र से जुड़े सबसे प्रासंगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जिसमें वित्तीय समावेशन के वर्तमान और भविष्य के पहलुओं तथा अनुकूल तरीके से डिजिटल पहलू को कैसे लागू किया जा सकता है, जैसे विषय अहम थे।

सम्मेलन के थीम पर विचार-विमर्श करते हुए डॉ. आलोक मिश्रा, सीईओ और निदेशक, एमफिन; जिजी मामेन, कार्यकारी निदेशक, सा-धन; चंद्र शेखर घोष, एमडी, बंधन बैंक; मोहम्मद अवल, ईडी, क्रेडिट एंड डेवलपमेंट फोरम, बांग्लादेश; अजीत कुमार माइती, अध्यक्ष, एएमएफआई-डब्ल्यूबी; कुलदीप माइती, एमडी और सीईओ, वीएफएस कैपिटल; मनोज नांबियार, एमडी, आरोहन फाइनेंशियल सर्विसेज और इस उद्योग के अन्य दिग्गजों ने अपना दृष्टिकोण साझा किया। सुदत्त मंडल, डीएमडी, सिडबी भी इस अवसर पर उपस्थित थे और उन्होंने अपनी राय रखी।

सम्मेलन में मौजूद वीएफएस कैपिटल के एमडी और सीईओ कुलदीप माइती ने कहा कि, “कोविड के बाद उद्योग ने 2022-23 में मांग और ऋण संवितरण में तेजी के साथ एक मजबूत वापसी देखी है और यह वृद्धि आगे भी जारी रहने की संभावना है। इसके अलावा, आरबीआई का नियामक ढाँचा इस क्षेत्र को और मजबूत करेगा। माइक्रोफाइनेंस के रोडमैप में डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए, उन्होंने आगे कहा कि डिजिटलीकरण एमएफआई को वित्तीय सेवाओं से वंचित वर्गो तक पहुंचने में मदद कर रहा है, जिसका अर्थ है उन वर्गों को उच्च वित्तीय और अधिक लाभ मिल रहा है। हालांकि, हमारे उद्योग में, उधारकर्ताओं के साथ हमारे संबंध हमारे कोलैटरल हैं। इसलिए हम आगे भी टेक मॉडल के साथ-साथ टच मॉडल का पालन करना जारी रखेंगे।

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