देश की शिक्षा व्यवस्था में बहुत बड़े बदलाव का आधार बनेगी मातृभाषा में पढ़ाई: प्रधानमंत्री मोदी

भोपाल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश में ‘मातृभाषा में पढ़ाई को लेकर बहुत बड़ा काम हुआ है। अंग्रेजी न जानने वाले छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाई न कराकर, एक तरह से उनके साथ अन्याय किया गया था। यह सामाजिक न्याय के विरुद्ध था। हमारी सरकार ने इस अन्याय को दूर कर दिया है। अब सिलेबस में क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्तकों पर बल दिया गया है। देश की शिक्षा व्यवस्था में यह बहुत बड़े बदलाव का आधार बनेगा।’

प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित नवनियुक्त शिक्षकों के नवनियुक्त पत्र वितरण कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। भेल स्थित सीएम राइज शासकीय महात्मा गांधी उमावि में आयोजित प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सत्र 2023-24 में प्रदेश में नवनियुक्त पांच हजार 580 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे।

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कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से जुड़े। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ‘मैं मध्य प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त होने वाले साढ़े पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों को बधाई देता हूं। मुझे बताया गया कि पिछले तीन साल में मध्य प्रदेश में 50 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है। इसके लिए राज्य सरकार बधाई की पात्र है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट है कि पांच साल के अंदर भारत में 13.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं। इस साल फाइल होने वाली इनकम टैक्स रिटर्न संख्या भी दूसरा महत्वपूर्ण संकेत दे रही है। पिछले नौ साल में लोगों की औसत आय में बढ़त हुई है। आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2014 में औसत आय चार लाख रुपये थी, जो 2023 में बढ़कर 13 लाख रुपये हो गई है। लोअर इनकम ग्रुप से अपर इनकम ग्रुप में जाने वालों की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले जो अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें नंबर पर थी, वह आज पांचवें नंबर पर पहुंच गई है। देश का नागरिक वो दिन भूल नहीं सकता, जब 2014 से पहले घोटालों और भ्रष्टाचार का दौर था। गरीब का हक लूट लिया जाता था। आज गरीब के हक का पूरा पैसा सीधे उसके खाते में पहुंच रहा है।

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