जनवादी कवि श्री हर्ष नहीं रहे

कोलकाता : प्रसिद्ध जनवादी कवि श्री हर्ष का शुक्रवार को अपराह्न राजस्थान के बीकानेर स्थित उनके निवास पर निधन हो गया। वे 88 साल के थे और पिछले काफ़ी दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें पिछले कुछ दिनों से साँस की तकलीफ़ थी। बीकानेर के ‘वातायन’ परिवार के सबसे पहले सदस्यों में एक श्री हर्ष कोलकाता के साहित्य जगत के एक जाने-माने व्यक्ति थे। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से ही हिंदी में एम.ए. किया था। कोलकाता में अपनी नौकरी के प्रारंभिक दिनों से ही वे ‘वातायन’ पत्रिका के स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में भी काम करते थे।

कोलकाता प्रवास के दौरान ही वे यहाँ के कम्युनिस्ट आंदोलन से जुड़ गए और हिंदी भाषी शिक्षकों के आंदोलन में विशेष तौर पर सक्रिय रहे। एक बेहतरीन शिक्षक होने के नाते उन्हें अध्यापन हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था। उनके निधन की खबर से कोलकाता के साहित्य जगत शोक की लहर है।

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