लोकतंत्र के मंदिर में चले घूंसे, मुक्के व फाड़े गए कपड़े : सत्येंद्र प्रताप सिंह 

संसद व विधानसभा को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। यदि जनप्रतिनिधियों को भक्त कहा जाए तो लोकतंत्र का मन्दिर शर्मसार हुआ है आज अपने ही भक्तों के हाथों। बजट सत्र के आखिरी दिन पश्चिम बंगाल विधानसभा में जो कुछ भी हुआ वह स्वस्थ संसदीय राजनीति के बिल्कुल विपरीत था।

विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने भी कहा कि जिस तरह की घटना विधानसभा में हुई है, ऐसी घटना सदन के इतिहास में कभी नहीं हुई है। घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, हंगामा करने वाले विधानसभा के नियमों का अध्ययन नहीं करते हैं, वे विधानसभा के महत्व को नहीं समझते हैं और उनका मकसद केवल विधानसभा में हंगामा करना है।

बीरभूम के रामपुरहाट नरसंहार को लेकर आज सुबह विधानसभा का सत्र शुरू होते ही भाजपा विधायक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की मांग कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने भाजपा विधायकों की मांग स्वीकार करने से इनकार करने से इनकार करने के बाद भाजपा विधायकों ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद विधायक वेल में उतरकर नारेबाजी करने लगे जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस के विधायक भी वेल में उतरे और बवाल खड़ा हो गया।

सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच जमकर घूंसे चले, मुक्केबाजी हुई, धक्का-मुक्की हुई। किसी का कपड़ा फटा तो किसी का चश्मा टूटा। इस दौरान कई विधायकों ने चोट लगने की शिकायत की। तृणमूल कांग्रेस के विधायक असित मजूमदार को नाक में चोट लगने के बाद एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। भाजपा के भी कई विधायकों ने कपड़े फाड़े जाने, चोट लगने की शिकायत की।

भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने एक दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि सादे पोशाक में पुलिसकर्मियों ने विधानसभा में आकर भाजपा विधायकों के साथ मारपीट की। तृणमूल कांग्रेस विधायक शौकत मोल्ला के नेतृत्व में भाजपा के चीप व्हिप मनोज तिग्गा के कपड़े फाड़ कर मारपीट की गई। भाजपा की महिला विधायकों ने भी उनपर हमला किए जाने का आरोप लगाया।

दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस नेता व राज्य सरकार की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों ने बिना उकसावे के मारपीट की, महिला विधायकों और विधानसभा की कर्मियों को निशाना बनाया गया। वहीं, संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि भाजपा के विधायक पूरे सत्र के दौरान हर दिन किसी न किसी तरीके से बाधा पहुंचाने की कोशिश करते रहे हैं, भाजपा नेता विधानसभा के अंदर और बाहर अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों से कहा गया है कि वे सतर्क रहें।

बहरहाल, विधानसभा में जो कुछ भी हुआ वह एक पक्षीय नहीं था. विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने बवाल के तुरंत बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी, भाजपा विधायक दल के चीफ व्हिप मनोज तिग्गा समेत भाजपा के 5 विधायकों को निलंबित कर एक पक्षीय फैसला सुना दिया। वहीं, पहाड़ के दौरे पर कल ही गईं ममता बनर्जी ने राज्य के शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम को फोन कर पूरी घटना की जानकारी ली है।

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