देश-दुनिया के इतिहास में 01 अप्रैल की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख मूर्ख दिवस के लिए प्रसिद्ध है। इसे दुनिया अप्रैल फूल दिवस भी कहती है। भारत में तो 1964 में अप्रैल फूल नाम से फिल्म तक बन चुकी है। इसका गाना अप्रैल फूल बनाया, उनको गुस्सा आया…आज भी पहली अप्रैल […]
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इतिहास में 31 मार्च महज तारीख नहीं है। वह ऐसी कई घटनाओं की गवाह है, जिसने पूरी दुनिया को प्रभावित किया। इनमें महान वैज्ञानिक आइजक न्यूटन का निधन और भारत में डाक सेवा की शुरुआत प्रमुख घटनाक्रम है। इसके अलावा तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा आज के दिन ही अपने समर्थकों के साथ शरण लेने भारत […]
देश-दुनिया के इतिहास में 30 मार्च की तारीख तमाम वजह से दर्ज है। फिल्मकार सत्यजीत रे की वजह से यह तारीख भारतीय सिनेमा के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। 30 मार्च, 1992 को सत्यजीत रे को आस्कर लाइफ टाइम अचीवमेंट मानद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सत्यजीत रे को इसी साल कला […]
देश-दुनिया के इतिहास में 29 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख की देश के स्वतंत्रता संग्राम में खास अहमियत है। दरअसल 1857 में 29 मार्च को मंगल पांडे ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की पहली चिंगारी सुलगाई थी, जो देखते ही देखते पूरे देश में आजादी की ज्वाला में […]
आध्यात्मिक नेता, दार्शनिक, वैश्विक शांति कार्यकर्ता योगीराज वेथाथिरी महर्षि ऐसे व्यक्तित्व के रूप में प्रतिष्ठित हैं, जिन्होंने गृहस्थ जीवन से नाता तोड़े बिना स्वदेशी सिद्ध परंपरा में जीवन व्यतीत किया। उन्होंने विश्व शांति के लिए 14 सिद्धांत प्रदान किए। इसके साथ दुनिया भर में 300 से अधिक योग केंद्रों की स्थापना की और तमिल व […]
27 मार्च अंतरराष्ट्रीय रंगमंच दिवस के रूप में मनाया जाता है। लोगों को रंगमंच के प्रति जागरूक करने के लिए 1961 में नेशनल थियेट्रिकल इंस्टीट्यूट द्वारा इसका चलन शुरू किया गया था। दुनिया भर में रंगमंच से संबंधित संस्था और समूहों की तरफ से हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय रंगमंच दिवस खास आयोजन के रूप में मनाया […]
जंगलों और पेड़ों की कटाई के खिलाफ उत्तराखंड के एक गांव में शुरू हुआ एक प्रतिरोध पर्यावरण रक्षा के महायज्ञ में बदल गया, जिसका उदाहरण वर्षों बाद भी दिया जाता है। पर्यावरण रक्षा से जुड़े चिपको आंदोलन की शुरुआत उत्तराखंड के चमोली जिले में 26 मार्च 1974 को हुई। चमोली जिले के ढाई हजार पेड़ों […]
‘भूख से मरने की बजाय जीएम अनाज खाकर मरना कहीं बेहतर है।’ -यह जवाब है हरित क्रांति के जरिये कृषि क्षेत्र का परिदृश्य बदलने वाले अमेरिकी वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग का, जिनके खिलाफ पर्यावरण वादियों का मजबूत तर्क था कि कीटनाशक एवं रासायनिक खादों के अत्यधिक इस्तेमाल के साथ जमीन से ज्यादा पानी सोखने वाली फसलों […]
टीबी यानी ट्यूबरक्युलोसिस या तपेदिक की बीमारी। 24 मार्च 1882 को टीबी के वायरस की पहचान हुई इसलिए पूरी दुनिया में यह वर्ल्ड ट्यूबरक्युलोसिस डे के रूप में मनाया जाता है। जिसका लक्ष्य टीबी संक्रमितों में बीमारी को बढ़ने से रोकना और उनके जल्द से जल्द इलाज सुनिश्चित करना है। फेफड़ों की यह बीमारी हवा […]
देश-दुनिया के इतिहास में 23 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख सारे देश में प्रखर समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती (23 मार्च, 1910) के रूप में जानी जाती है। उनका निधन 12 अक्टूबर, 1967 को दिल्ली में हुआ था। डॉ. लोहिया का जीवन एक व्यावहारिक और परिपूर्ण […]