देश-दुनिया के इतिहास में 15 दिसंबर की तारीख तमाम बड़ी वजह से याद की जाती है। यह तारीख भारत की आजादी में अहम योगदान देने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के रूप में दर्ज है। 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में एक किसान परिवार में जन्मे पटेल को […]
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‘होठों पर सच्चाई रहती है, दिल में सफाई रहती है’, “ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना…” जैसे दर्जनों यादगार फिल्मी गीत देने वाले गीतकार शैलेंद्र ने 14 दिसंबर, 1966 को राजकपूर से मिलने आर.के. स्टूडियो की ओर जा रहे थे, रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। दरअसल, उन्होंने गीतकार के साथ निर्माता […]
भारतीय चुनाव व्यवस्था के लिए 12 दिसंबर 1990 का दिन महत्वपूर्ण है, इसी तारीख को उस व्यक्ति ने मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभाला जिसने इस पद की परिभाषा बदल कर रख दी। उनके कार्यकाल में चुनाव आयोग स्वतंत्र और सर्वाधिक शक्तिशाली बनकर ऐसा स्थापित हुआ, जिसकी आज भी बानगी दी जाती है। नाम था- […]
अमर रचनाकार कवि प्रदीप ने 11 दिसंबर 1998 को दुनिया को अलविदा कह दिया। नाम से शायद कवि प्रदीप की पूरी पहचान भले न मालूम पड़ती हो लेकिन हरेक भारतीय ने उनके गीतों को कभी न कभी जरूर सुना और पसंद किया होगा- आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की। या फिर 1962 के चीनी […]
देश-दुनिया के इतिहास में 10 दिसंबर की तारीख बेहद अहम है। इस तारीख को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के तौर पर मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था। इसका मकसद विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग […]
09 दिसंबर 1898 को पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्वामी विवेकानन्द ने बेलूर मठ की स्थापना की। यह रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ का मुख्यालय है। इस मठ के भवनों के वास्तु में हिन्दू, इसाई तथा इस्लामी तत्वों का सम्मिश्रण है जो धर्मों की आपसी एकता का प्रतीक है। 40 एकड़ […]
हिंद महासागर में पाई जाने वाली बेहद खतरनाक शार्क का नाम है- टाइगर शार्क। इसे मलयालम भाषा में कलवरी कहते हैं।इसी के नाम पर भारतीय नौसेना की पहली सबमरीन का नाम रखा गया- कलवरी। सोवियत संघ से मिली इस सबमरीन ने अपने नाम से ज्यादा तब काम कर दिखाया जब भारत को इसकी सख्त जरूरत […]
सशस्त्र सेना झंडा दिवस या भारत का झंडा दिवस भारतीय सशस्त्र बल सैनिकों और पूर्व सैन्य कर्मियों को सम्मानित करने का महत्वपूर्ण दिन है। भारत में यह साल 1949 से 7 दिसंबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। भारत को स्वतंत्रता मिलने के तुरंत बाद सरकार को अपने सुरक्षा बल कर्मियों के कल्याण के प्रबंधन की […]
श्वेत-श्याम सिनेमा के दौर में अपनी खूबसूरती व अदाकारी से जिसने सिने पर्दे पर खुशनुमा रंग भरे, उस अभिनेत्री का नाम था- बीना राय। उन्हें अनारकली (1953), घूंघट (1960), ताजमहल (1963) जैसी फिल्मों के लिए याद किया जाता है। वे अपने जमाने की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस थीं, जो हर फिल्म के लिए 1.5 लाख रुपए […]
ये आकाशवाणी है, अब आप रामानुज प्रसाद सिंह से समाचार सुनिए… तीन दशकों से अधिक समय तक ऑल इंडिया रेडियो की प्रमुख आवाज़ रहे रामानुज प्रसाद सिंह आम लोगों में जाना-पहचाना नाम थे। समाचार वाचक चौकड़ी देवकी नंदन पांडेय, विनोद कश्यप, अशोक वाजपेयी और रामानुज प्रसाद सिंह को आज भी श्रेष्ठता के मानक के रूप […]