Tag Archives: History

इतिहास के पन्नों में: 19 अप्रैल – शिकारी और संरक्षक

जेम्स ए. जिम कार्बेट, जिन्हें एक साथ कई अर्थों में याद किया जाता है- प्रभावी लेखक, वन्यजीव छायाकार, बेजोड़ शिकारी और वन्य जीव संरक्षण वादी। आयरिश मूल के जिम कार्बेट ने मानवाधिकारों के लिए संघर्ष किया और संरक्षित वनों का आंदोलन प्रारंभ किया। 25 जुलाई 1875 को पैदा हुए जिम कार्बेट ने नैनीताल के पास […]

इतिहास के पन्नों में : 18 अप्रैल – विश्व विरासत के संरक्षण का दिन

पूरी दुनिया में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जनचेतना के लिए हर साल 18 अप्रैल विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की पहल पर 1972 में अंतरराष्ट्रीय संधि लागू की गई जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बिखरी ऐसी तमाम […]

इतिहास के पन्नों में 17 अप्रैल : पहली लोकसभा के गठन की गवाह है यह तारीख

भारत के संसदीय इतिहास के संदर्भ में 17 अप्रैल की तिथि का अहम स्थान है। 1947 में 15 अगस्त को ब्रितानी हुकूमत के पंजों से मुक्त होने के बाद भारत ने खुली हवा में सांस ली। इसके बाद कुछ साल तक संविधान सभा और अंतरिम सरकार का देश में शासन रहा। 25 अक्टूबर, 1951 से […]

इतिहास के पन्नों में : 16 अप्रैल – सुनहरे सफर की शुरुआत

भारतीय रेल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसकी लंबाई 67415 किमी है। इसमें रोजाना 231 लाख लोग सफर करते हैं और यह 1.2 अरब टन भार के सामान की रोजाना ढुलाई करता है। इतना कुछ करने के लिए रेलवे 13169 यात्री गाड़ियां और 8479 मालगाड़ियों का संचालन करता है। निःसंदेह भारत के एक […]

इतिहास के पन्नों में: 15 अप्रैल – खड़ी बोली में पहला महाकाव्य रचने वाला कवि

खड़ी बोली की बात जब कभी होगी, अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की चर्चा के बिना अधूरी रहेगी। पुरातन भारतीय संस्कृति के पक्षधर हरिऔध, द्विवेदी युग के ऐसे कवि थे, जिन्होंने खड़ी बोली का पहला महाकाव्य ‘प्रिय प्रवास’ लिखा। अपने चाहने वालों के बीच हरिऔध को ‘कवि सम्राट’ का मान हासिल है। हालांकि इसी नाम से […]

इतिहास के पन्नों में : 14 अप्रैल – मौत से पहले सपने में देखी अपनी हत्या

अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति और दास प्रथा खत्म करने के लिए मशहूर अब्राहम लिंकन की हत्या के करीब 20 साल बाद मित्र और उनके पूर्व कानूनी सलाहकार वार्ड हिल लैमन ने रहस्योद्घाटन किया– अपनी हत्या से चंद रोज पहले अब्राहिम लिंकन ने सपने में देखा कि वे व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम की तरफ जा […]

इतिहास के पन्नों मेंः 13 अप्रैल – अंग्रेजों की बर्बरता का स्याह पन्ना

13 अप्रैल 1919 को बैसाखी पर्व पर अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर ने जिस तरह खून की होली खेली, उसे इतिहास की बर्बरतम घटना के तौर पर याद किया जाता है। यह उस वक्त के ब्रिटिश औपनिवेशिक राज के वास्तविक चेहरे को भी दुनिया के सामने रखता है। दरअसल, पंजाब […]

इतिहास के पन्नों में : 12 अप्रैल – इतिहास के मर्मज्ञ

सुप्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्ववेत्ता राखालदास बंदोपाध्याय का जन्म 12 अप्रैल 1885 को मुर्शिदाबाद में हुआ। 1922 में एक बौद्ध स्तूप की खुदाई के दौरान मोहनजोदड़ो सभ्यता की खोज, राखालदास बंदोपाध्याय का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने लगभग छह वर्षों तक महाराष्ट्र, गुजरात, सिंध, राजस्थान और मध्य प्रदेश की देशी रियासतों में पुरातत्व से जुड़े विभिन्न […]

इतिहास के पन्नों में : 11 अप्रैल – ‘आवारा मसीहा’ के रचयिता का महाप्रयाण

राष्ट्रवाद और देशभक्ति से सराबोर लेखन के लिए सुविख्यात विष्णु प्रभाकर ने 11 अप्रैल 2009 को दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्हें संत लेखक के रूप में याद किया जाता है। हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में शामिल लघुकथा, उपन्यास, नाटक और यात्रा वृत्तांत लेखन के लिए मशहूर विष्णु प्रभाकर का जन्म 21 जून 1912 […]

इतिहास के पन्नों में 10 अप्रैलः रूह कांप जाती है ‘टाइटैनिक’ का जिक्र आते ही

देश-दुनिया के इतिहास में 10 अप्रैल की तिथि का खास महत्व है। इस दिन तमाम महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं। वह इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हैं। इस तिथि से अभागे टाइटैनिक जहाज का गहरा रिश्ता है। यह जहाज साल 1912 में आज ही के दिन ब्रिटेन के साउथम्पटन बंदरगाह से अपनी पहली और […]