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इतिहास के पन्नों में: 18 मई – …जब बुद्ध मुस्कुराए

18 मई 1974, राजस्थान के पोखरण में घड़ी की सूईयां सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर पहुंची कि भयानक धमाका हुआ। विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि जमीन में 45-75 मीटर तक गड्ढा हो गया। आसपास के कुछेक किमी तक धरती ऐसे हिली जैसे भूकंप आकर गुजरा हो। दूसरे अर्थों में इस विस्फोट की गूंज पूरी […]

इतिहास के पन्नों मेंः 17 मई – विश्वस्तरीय सुविधा वाले होटलों की श्रृंखला खड़ी कर दी

लोग उन्हें सीपी कृष्णन नायर के नाम से जानते थे लेकिन उनका पूरा नाम था- चित्तरत पूवक्कट्ट कृष्णन नायर। जानने वालों के बीच कैप्टन नायर के नाम से मशहूर सीपी कृष्णन का जीवन उन नौजवानों के लिए प्रेरणा है जो व्यवसाय के क्षेत्र में जाने की हसरत रखते हैं। 9 फरवरी 1922 को केरल राज्य […]

इतिहास के पन्नों मेंः 16 मई – …30 मिनट और भारत में सिक्किम का विलय

6 अप्रैल 1975 को सिक्किम के नामग्याल राजवंश के शासक चोग्याल के राजमहल को करीब 5000 भारतीय सैनिकों ने घेर लिया। इस भारतीय मुहिम की अगुवाई कर रहे थे ब्रिगेडियर दीपेंद्र सिंह। महल के अंदर मौजूद चोग्याल को माजरा समझ में आ चुका था। राजमहल के 243 सुरक्षा गार्डों ने भारतीय सैनिकों के समक्ष कुछ […]

इतिहास के पन्नों मेंः 14 मई – मेधा के धनी प्रणव मिस्त्री

14 मई 1981 में गुजरात के पालनपुर में जन्मे प्रणव मिस्त्री, एक कंप्यूटर वैज्ञानिक और आविष्कारक हैं। उन्हें सिक्स्थ सेंस (कंप्यूटर सिस्टम) पर काम करने के लिए जाना जाता है। एक बेजोड़ कंप्यूटर माउस के आविष्कार के लिए भी वे जाने जाते हैं। प्रणव सैमसंग में रिसर्च के ग्लोबल सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और थिंक टैंक […]

इतिहास के पन्नों मेंः 13 मई – लोकतांत्रिक व्यवस्था का अहम दिन

देश के लोकतंत्र के लिए 13 मई 1952 एक ऐतिहासिक दिन है। इस तारीख को स्वतंत्र भारत का पहला संसद सत्र बुलाया गया था। 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक देश के प्रथम आम चुनाव के बाद पहली बार 17 अप्रैल 1952 को लोकसभा का विधिवत गठन हुआ और इसका पहला सत्र 13 […]

इतिहास के पन्नों में : 12 मई – मानसिक क्रांति के हिमायती

दर्शन और आध्यात्म के क्षेत्र की विलक्षण शख्सियतों में शामिल जिद्दू कृष्णमूर्ति का जन्म 12 मई 1895 को आंध्र प्रदेश के चिन्तूर जिले के मदन पल्ली नामक स्थान पर हुआ। वे दर्शन और आध्यात्मिक विषयों के लेखक व दुनिया भर में जाने-माने प्रवचनकार थे। जे कृष्णमूर्ति मानते थे कि मानव को मानसिक क्रांति की जरूरत […]

इतिहास के पन्नों में: 11 मई – सोमनाथ मंदिर और डॉ. राजेंद्र प्रसाद व नेहरू के मतभेद

12 ज्योतिर्लिंगों में पहला सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के उत्थान-पतन का साक्षी और विदेशी आक्रांताओं के बर्बर हमलों का शिकार होता रहा। इन हमलों में मंदिर की पस्त हालत को देखकर 12 नवंबर 1947 को जब देश के उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल यहां पहुंचे तो भावुक हो उठे थे। उन्होंने इसके पुनर्निर्माण की […]

इतिहास के पन्नों में 08 मईः ठंडा मतलब कोका कोला!

कुछ तारीखें इतिहास बन जाती हैं। ऐसी ही तिथि 08 मई है। इस तिथि से कोल्ड ड्रिंक कोका कोला का सीधा रिश्ता है। 08 मई, 1886 को अमेरिका के डॉक्टर जॉन पेम्बेरटन ने कोका कोला का उत्पादन शुरू किया था। ‘ठंडा का मतलब कोका कोला’ विज्ञापन की दुनिया की यह टैग लाइन एक समय भारत […]

इतिहास के पन्नों मेंः 06 मई – कसाब को मौत की सजा का ऐलान

26 नवंबर 2008, जब पाकिस्तान से आए जैश-ए- मुहम्मद के 10 आतंकियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में करीब तीन दिनों तक खून की होली खेली। शिवाजी टर्मिनल, होटल ताज, ओबेराय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस में इन आतंकियों ने लाशों के ढेर लगा दिये। तीन दिनों बाद जब इन आतंकियों के खिलाफ शुरू […]

इतिहास के पन्नों मेंः 05 मई – ‘ढब्बू जी’ के सर्जक

बिना रुके सबसे लंबे समय करीब 30 वर्षों तक प्रत्येक सप्ताह प्रकाशित हुए मशहूर कार्टून करैक्टर ‘ढब्बू जी’ अपने दौर का सबसे पसंदीदा था। ‘धर्मयुग’ में प्रकाशित होने वाले इस कार्टून श्रृंखला के रचयिता थे आबिद सुरती। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता साहित्यकार, कार्टूनिस्ट, पर्यावरणविद् के रूप में प्रतिष्ठित आबिद सुरती का जन्म 05 मई 1935 को […]