Tag Archives: History

इतिहास के पन्नों में : 07 मार्च – आवश्यकता आविष्कार की जननी है

1949 में बनी फिल्म ‘पतंगा’ का शमशाद बेगम की आवाज में गाया गाना भारतीय दर्शकों के लिए आजतक जाना-सुना लगता है- ‘मेरे पिया गए रंगून, किया है वहां से टेलीफून।’ यह फिल्मी गीत चमत्कार जैसा कारनामा करने वाले टेलीफोन से भारतीय जनमानस का एक तरह से पहला सार्वजनिक परिचय भी था। हालांकि इससे तकरीबन 73-74 […]

इतिहास के पन्नों में : 6 मार्च – जब ‘युवा तुर्क’ ने छोड़ी कुर्सी

चंद्रशेखर भारतीय राजनीति में एक ऐसा नाम, जिसने सत्तारूढ़ पार्टी में रहते हुए इंदिरा गांधी सरकार की ओर से देश पर थोपे गये आपात काल का विरोध किया। इसके पहले ही अपने चिर विद्रोही की भूमिका के कारण वे युवा तुर्क की पहचान रखने वाले नेताओं में शुमार हो चुके थे। ऐसे चंद्रशेखर ने उसी […]

इतिहास के पन्नों में : 05 मार्च – जब भारतीयों को फिर मिला नमक बनाने का अधिकार

भारतीय इतिहास में 5 मार्च 1931 कभी न भूलने वाले अवसर के रूप में याद किया जाता है। यह दिन महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच हुए एतिहासिक समझौते के लिए याद किया जाता है, जिसे गांधी-इरविन समझौता कहा गया। इस समझौते का सबसे अहम बिंदु था- भारतीयों को समुद्र किनारे नमक […]

इतिहास के पन्नों में : 04 मार्च – एशियाई देशों में खेलों के विकास की अहम तारीख

उड़न सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह, पय्योली एक्सप्रेस के नाम से नवाजी गयीं पीटी उषा, जसपाल राणा, अभिनव बिंद्रा, मैरीकॉम से लेकर नीरज चोपड़ा तक। खेल के मैदान में भारत के इन चमकते सितारों ने दुनिया भर को प्रभावित किया। ये सभी खिलाड़ी एशियाई खेल आयोजन, जिसे एशियाड के नाम से भी जाना […]

इतिहास के पन्नों में : 03 मार्च – प्रकृति और जीव-जंतुओं की रक्षा का संकल्प

मानव जीवन के लिए पेड़- पौधे और दूसरे जीव-जंतु भी बेहद जरूरी हैं। यह बात लंबे अरसे से समझी जा रही थी, जिसे दुनिया ने तीन मार्च 1973 को संकल्पबद्ध किया। उस दिन पेड़-पौधे और पशुओं की रक्षा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौता हुआ। वॉशिंगटन में हुए समझौते को कंवेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एनडेंजर्ड […]

इतिहास के पन्नों में : 02 मार्च – अमेरिका ने जब दास प्रथा पर लगायी रोक

यह अजीब है कि आज अपने को सर्वश्रेष्ठ समझने का दावा करने वाली पश्चिमी सभ्यता के लंबे इतिहास में मनुष्य को ही मनुष्य के गुलाम बनाए रखने का काला अध्याय शामिल है। लगभग 900 ई.पू. में कवि होमर ने जिस दास प्रथा का उल्लेख किया है। 800 ई. पू.के बाद तो यूनानी उपनिवेशों में यह […]

इतिहास के पन्नों में : 01 मार्च – मुक्केवाली मैरीकॉम

भारतीय महिला मुक्केबाजी में मैंगते चंग्नेइजैंग मैरीकॉमी (एमसी मैरीकॉम) ने ऐसी छाप छोड़ी है, जो भारत की इस बेटी की संघर्ष, साहस और समर्पण की अद्भुत दास्तान आनेवाली पीढ़ियों को सुनाएगी। 01 मार्च 1983 को मणिपुर के चुराचांदपुर में जन्मी मैरीकॉम अकेली ऐसी महिला बॉक्सर थीं, जिन्होंने समर 2012 ओलंपिक में क्वालिफाई कर कांस्य पदक […]

इतिहास के पन्नों में : 28 फरवरी – जब नेहरू जी हैरान रह गए

देश की स्वतंत्रता के बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सामने अहम प्रश्न था कि आर्मी चीफ किसे बनाया जाय? इसपर मंथन के लिए उन्होंने मंत्रिमंडल सहयोगियों और आर्मी अफसरों की बैठक बुलाई। नेहरू जी का मत था कि किसी अंग्रेज अफसर को भारतीय सेना का चीफ बना दिया जाए क्योंकि सेना का नेतृत्व करने वाले […]

इतिहास के पन्नों में: 27 फरवरी – जो खुद आजाद रहा और देश की आजादी के लिए लड़ा

चंद्रशेखर आजाद। यह नाम सामने आते ही स्वतंत्रता आंदोलन का वह स्वर्णिम पृष्ठ सामने आता है, जिस पर एक बेमिसाल कहानी दर्ज है। यह कहानी चंद्रशेखर आजाद की है। मध्यप्रदेश में तत्कालीन झाबुआ जिले के भाबरा गांव (अब चंद्रशेखर आजाद नगर) में पैदा हुए चंद्रशेखर तिवारी सिर्फ 15 साल की उम्र में चर्चा में आ […]

इतिहास के पन्नों में : 26 फरवरी – वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को उड़ाने की कोशिश जब हो गयी थी नाकाम

11 सितंबर 2001 को दुनिया का चाल-चरित्र और चेहरा अचानक उस समय बदल गया, जब चार अलकायदा आतंकियों ने हाईजैक किए गए यात्री विमानों को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकरा दिया। हमले में दोनों टावर्स ध्वस्त हो गए। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के साथ-साथ पूरी दुनिया सन्न रह गयी थी। इस […]