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इतिहास के पन्नों में : 14 फरवरी – गांधीवादी मालवीय जी ने क्रांतिकारियों को असाधारण बताया

पिछले कुछ समय से 14 फरवरी वैलेंटाइंस डे के रूप में मनाया जाता है। इसके विपरीत बहुत कम लोग जानते हैं कि यह दिन हमारे देश की आजादी के लिए मातृभूमि के चरणों में बलिदान होने वालों का भी है। ऐसे क्रांतिकारी, जिनके लिए गांधीवादियों ने भी ऊपर तक फरियाद की थी। फिलहाल, वैलेंटाइंस डे […]

इतिहास के पन्नों में : 13 फरवरी – इंकलाबी शायर का जन्म

‘उतरे थे कभी ‘फ़ैज़’ वो आईना-ए-दिल में, आलम है वही आज भी हैरानी-ए-दिल का।‘ हिंदुस्तान और पाकिस्तान, दोनों देशों में लोगों की जुबान पर कायम रहने वाले शायर फैज अहमद फैज का यह शेर, उन्हीं पर खूब मौजूं है। साल 1911 की 13 फरवरी को सियालकोट में जन्मे ‘गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले, चले […]

इतिहास के पन्नों में: 12 फरवरी – लाखों की जान लेने वाली बीमारी पर विजय का दिन

मशहूर निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म ‘आक्रोश’ जब रिलीज हुई तो दर्शकों का बड़ा तबका फिल्म के हीरो ओमपुरी के बेमिसाल अभिनय पर मुग्ध था तो ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं थी जो अचरज में थे कि चेहरे पर चेचक के बेशुमार दाग वाले नौजवान को फिल्म का हीरो बनाया गया। इससे पहले […]

इतिहास के पन्नों में : 11 फरवरी – निःशब्द सदा, ओ गंगा तुम बहती हो क्यूं

भूपेन हजारिका की अनूठी आवाज से सजा यह अमर गीत, बहुआयामी प्रतिभा के धनी पंडित नरेंद्र शर्मा की कलम से निकला। प्रकृति और मानवीय सौंदर्य से खास मोह रखने वाले नरेंद्र शर्मा, हिंदी की साहित्यिक परम्परा को समृद्ध करने वाले सशक्त हस्ताक्षर हैं। 11 फरवरी 1989 में हृदयगति रुकने से उनका निधन हो गया था। […]

इतिहास के पन्नों में : 10 फरवरी – लोहे का स्वाद लोहार से मत पूछो/ घोड़े से पूछो, जिसके मुंह में लगाम है

आजादी के बाद की व्यवस्था से मोहभंग, सपनों के बिखराव और इससे उपजे आक्रोश को कवि सुदामा पांडे ‘धूमिल’ ने एक सशक्त चेहरा देकर प्रतिरोध की आवाज को अमर कर दिया। प्रतिरोध के प्रतिनिधि स्वर की जब कभी जरूरत पड़ेगी, धूमिल की पंक्तियां बरबस याद आएंगी- ‘एक आदमी रोटी बेलता है/ एक आदमी रोटी खाता […]

इतिहास के पन्नों में : 09 फरवरी – ऐसा कर्मयोगी जिसने नारायण मानकर नर की सेवा की

कुष्ठ रोगियों के मसीहा बाबा आमटे ने सारा जीवन उस तबके लिए समर्पित कर दिया, जिसे अछूत मानकर आम इंसानों की आबादी से बाहर बसने के लिए मजबूर किया जाता था। बेहद संपन्न परिवार से ताल्लुक रखने वाले बाबा आमटे ने ऐश-ओ-आराम का रास्ता छोड़ सारा जीवन, कुष्ठ रोगियों की जिंदगी संवारने में लगा दी। […]

इतिहास के पन्नों मेंः 08 फरवरी – सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रखर हिमायती

स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, कानूनविद्, शिक्षाविद्, लेखक और इतिहासकार कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का भारत के नवनिर्माण में अहम स्थान है। सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष रहे केएम मुंशी, संविधान सभा में ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य के साथ कई दूसरी उप समितियों के भी सदस्य रहे। 1938 में भारतीय विद्या […]

इतिहास के पन्नों में : 07 फरवरी – वे अमर हैं

आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में क्रांतिकारी मन्मथनाथ गुप्त को याद करने का विशेष महत्व है। माना कि 07 फरवरी,1908 को उनका जन्मदिन होने के कारण इस सम्बंध में यह तिथि विशेष है किंतु स्वयं मन्मथनाथ गुप्त का जीवन हर भारतवासी के लिए प्रेरक हो सकता है। स्वतंत्रता संघर्ष के योद्धा होने के साथ हिन्दी, […]

इतिहास के पन्नों मेंः 06 फरवरी – ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की’

गीतों की आकाशगंगा में कवि प्रदीप किसी सुनहरे सितारे की चमक रखते हैं। उनकी कलम से जो भी गीत निकले, मानो अमर हो गए। इन गीतों ने उन्हें देशभक्ति गीतों के कालजयी रचनाकारों की अग्रिम पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया। भरोसा न हो तो गीतों की यह फेहरिस्त देखिए- ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’, ‘दूर […]

इतिहास के पन्नों में : 05 फरवरी – प्रिंस ऑफ ट्रैवलर्स

बौद्ध दर्शन और भारतीय समाज से बेहद प्रभावित रहे चीनी यात्रियों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण दार्शनिक, घुमक्कड़ और अनुवादक ह्वेनसांग का 5 फरवरी 664 ई. में निधन हो गया। इतिहास में उनके योगदान के लिए उन्हें घुमक्कड़ों का राजकुमार कहा जाता है। कहते हैं कि 629 ई. में उन्हें स्वप्न में भारत भ्रमण की प्रेरणा मिली […]